दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल न्यू भेड़ाघाट में एक दर्दनाक हादसे ने खुशियों को मातम में बदल दिया। मोबाइल से सेल्फी लेते समय एक महिला फिसलकर नर्मदा नदी में जा गिरी। यह हादसा उसके पति और 10 वर्षीय बेटी के सामने हुआ। घंटों की तलाश के बाद भी महिला का कोई सुराग नहीं मिला, लेकिन अगले दिन उसका शव बरामद हुआ।
सेल्फी के दौरान फिसला पैर
मृतका की पहचान विजय नगर निवासी स्वाति गर्ग (36 वर्ष) के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, शनिवार को स्वाति की शादी की सालगिरह थी। इस खास दिन को यादगार बनाने के लिए वह अपने पति आशीष गर्ग, बेटी और सास के साथ न्यू भेड़ाघाट घूमने पहुंची थीं।
शाम के समय स्वाति मोबाइल से सेल्फी ले रही थीं, तभी अचानक उनका पैर फिसल गया और वह सीधे गहरे पानी में गिर गईं। घटना इतनी अचानक हुई कि परिवार के लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले ही वह तेज बहाव में बह गईं।
पति और बेटी की आंखों के सामने हुआ हादसा
स्वाति के नदी में गिरते ही पति आशीष और बेटी ने शोर मचाया। मौके पर मौजूद गोताखोरों ने तुरंत नदी में छलांग लगाई, लेकिन नर्मदा के तेज बहाव के कारण महिला का पता नहीं चल सका। घटनास्थल पर मौजूद पर्यटकों की भीड़ में अफरा-तफरी मच गई।
ओएफके फैक्ट्री में पदस्थ हैं पति
परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार, रामेश्वरम कॉलोनी, विजय नगर निवासी आशीष गर्ग ओएफके फैक्ट्री में जूनियर वर्क मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। शनिवार दोपहर फैक्ट्री से लौटने के बाद वह परिवार के साथ पहले त्रिपुरी माता मंदिर दर्शन करने गए, इसके बाद भेड़ाघाट पहुंचे थे।
घंटों चली तलाश, रात तक नहीं मिला सुराग
शनिवार शाम तक जब स्वाति का कोई पता नहीं चला, तो पति आशीष ने तिलवारा थाना पहुंचकर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस और गोताखोरों की टीम ने देर रात तक तलाश की, लेकिन अंधेरा और तेज बहाव बाधा बना।
स्वर्गद्वारी में मिला शव
रविवार को एक बार फिर सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। शाम के समय घटनास्थल से करीब दो किलोमीटर दूर स्वर्गद्वारी क्षेत्र में स्वाति का शव बरामद हुआ। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया, जिसके बाद परिजनों को सौंप दिया गया।
पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा को लेकर उठे सवाल
इस हादसे के बाद भेड़ाघाट जैसे पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था और चेतावनी संकेतों को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। लगातार ऐसे हादसे सामने आने के बावजूद पर्यटकों को सुरक्षित दूरी और खतरनाक स्थानों से दूर रहने को लेकर पर्याप्त निगरानी नहीं हो पा रही है।
खुशियों का दिन बना जिंदगी का सबसे बड़ा सदमा
शादी की सालगिरह मनाने निकला परिवार शायद यह नहीं जानता था कि यह दिन उनके जीवन का सबसे दर्दनाक दिन बन जाएगा।
