दैनिक सांध्य बन्धु रीवा/शहडोल। मध्य प्रदेश में 50 करोड़ रुपये के एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने लोक निर्माण विभाग विद्युत यांत्रिकी के तत्कालीन प्रभारी कार्यपालन यंत्री विनय कुमार श्रीवास्तव के खिलाफ गंभीर वित्तीय अनियमितताओं को लेकर मामला दर्ज किया है।
ऐसे खुला मामला:
राशि को दस गुना बढ़ाकर अपने चहेते ठेकेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाया, और कई कार्य तो केवल कागजों में ही दर्शाए गए। सामाजिक कार्यकर्ता बीके माला द्वारा की गई शिकायत के आधार पर EOW रीवा ने प्रकरण क्रमांक 441/25 के तहत जांच शुरू की है। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि ठेके में शामिल कई आइटम मध्यप्रदेश सरकार के एसओआर (Schedule of Rates) में शामिल ही नहीं थे, फिर भी उन्हें खरीदा गया।1. 33 केवी लाइन विस्तार में दोहरी हेरा-फेरी
सिरमौर चौराहा से जेपी मोड़ पड़रा तक 600 मीटर 16 लाख रुपये का कार्य एक ही जगह पर तीन बार अलग-अलग मदों से दिखाया गया – एसटीसी, डीपीसी और विधायक निधि।
2. लाइन शिफ्टिंग के नाम पर मनमानी
गुप्ता पेट्रोल पंप से करहिया मंडी तक, रायपुर, मनिकवार, सीतापुर और पन्नी रोड में लाइन शिफ्टिंग के नाम पर कार्यों को बढ़ा-चढ़ाकर दर्शाया गया और निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया।
3. नेशनल ट्रेडर्स – 1 में 231.99% अधिक भुगतान
एक ठेके (एग्रीमेंट नंबर 30-20-21) में 41.55% बिलो पर 23 लाख 517 रुपये का कार्य दर्शाया गया, जिसे बढ़ाकर 231.99% अधिक कर दिया गया और इतनी भारी राशि बिना बैंक गारंटी के ही ठेकेदार को अदा कर दी गई।4. नेशनल ट्रेडर्स – 2 में भी करोड़ों की हेराफेरी
समान तिराहा से रेलवे तिराहा तक ROB लाइट शिफ्टिंग का काम पहले 3.07 करोड़ में तय था, जिसे क्रमशः 4.03 करोड़ और फिर 4.97 करोड़ रुपये तक पहुंचाया गया। यह टोटल 90 लाख से ज्यादा की अतिरिक्त राशि दर्शाकर भुगतान कर दिया गया।क्या कहते हैं अधिकारी?
ईओडब्ल्यू ने फिलहाल जांच प्रारंभ कर दी है। संबंधित दस्तावेज, भुगतान फाइलें और कार्य रिपोर्ट्स की जांच की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक इस मामले में और भी अधिकारियों की संलिप्तता उजागर हो सकती है।