दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। आयुध निर्माणी खमरिया (ओएफके) में वर्षों से लंबित डीबीडब्ल्यू प्रमोशन और कैमिकल चार्जमैन पदों की स्वीकृत संख्या बढ़ाने की मांग को लेकर कर्मचारियों का आक्रोश अब सड़कों पर उतर आया है। 5 अगस्त को संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में सैकड़ों कर्मचारी गेट नंबर 4 पर एकत्रित हुए और जोरदार नारेबाजी करते हुए आंदोलन की शुरुआत की।
इस संयुक्त आंदोलन का नेतृत्व लेबर यूनियन (एआईडीईएफ), कामगार यूनियन (बीपीएमएस) और एससी/एसटी संयुक्त मोर्चा द्वारा किया गया। आंदोलनकारियों ने लंच का बहिष्कार करते हुए गेट नंबर 1 पर प्रतीकात्मक धरना भी दिया और प्रबंधन के प्रति अपनी नाराज़गी स्पष्ट रूप से जाहिर की।
जोखिम में डटे कर्मचारी, लेकिन पदोन्नति का इंतज़ार
संघर्ष समिति के सदस्यों ने बताया कि आयुध निर्माणी खमरिया में डीबीडब्ल्यू ट्रेड के कर्मचारी सबसे ज्यादा संख्या में कार्यरत हैं और ये कर्मचारी अत्यधिक जोखिमभरे कार्यों को अंजाम देते हैं। इसके बावजूद इन्हें कैमिकल चार्जमैन जैसे पदों पर पदोन्नति के पर्याप्त अवसर नहीं मिलते।
समिति का आरोप है कि नियमानुसार जितने पद सृजित होने चाहिए, उतने पद उपलब्ध ही नहीं हैं। यही वजह है कि वर्षों से पदोन्नति की राह अटकी हुई है।
कोलकाता से पुणे तक उठाई गई आवाज़, लेकिन समाधान नहीं
समिति का आरोप है कि नियमानुसार जितने पद सृजित होने चाहिए, उतने पद उपलब्ध ही नहीं हैं। यही वजह है कि वर्षों से पदोन्नति की राह अटकी हुई है।
कोलकाता से पुणे तक उठाई गई आवाज़, लेकिन समाधान नहीं
संघर्ष समिति ने जानकारी दी कि इस असमानता को लेकर कई बार डीओ (सीएएंडएस) कोलकाता और म्युनिशंस इंडिया लिमिटेड के मुख्यालय पुणे तक शिकायतें पहुंचाई गईं, लेकिन अब तक कोई ठोस और संतोषजनक समाधान नहीं निकला है।
आखिरी लड़ाई का ऐलान, चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अब कर्मचारी इसे "आखिरी लड़ाई" मानकर चरणबद्ध आंदोलन की राह पर उतर चुके हैं। कर्मचारियों ने चेताया है कि अगर उनकी मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।