दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने आदेशों की अवहेलना करने पर सख्त रुख अपनाते हुए मध्य प्रदेश रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (एमपीआरटीसी परिसमापन) के प्रबंध निदेशक मनीष सिंह और श्रम एवं कार्मिक अधिकारी बिंदु बहादुर सिंह के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। यह वारंट न्यायमूर्ति विनय सराफ की एकल पीठ ने अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान जारी किया।रिटायर्ड ड्राइवर की लड़ाई
मामला कटनी जिले की बहोरीबंद तहसील के बदखेड़ा गांव के निवासी राम प्रकाश सोनी से जुड़ा है, जिन्होंने रिटायर्ड ड्राइवर के रूप में एमपी हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि कोर्ट के पूर्व आदेश का पालन नहीं किया गया।
हाईकोर्ट ने पहले सुनवाई में सोनी की सेवा समाप्ति को रद्द करते हुए उन्हें सेवा में बहाल करने और सेवानिवृत्ति के बाद के सभी लाभ 90 दिनों में निपटाने के निर्देश दिए थे।
याचिकाकर्ता का कहना है कि एमपीआरटीसी अधिकारियों ने इस आदेश को नजरअंदाज कर दिया। कई बार लिखित व मौखिक प्रतिनिधित्व के बावजूद न तो उन्हें बहाली दी गई, न ही बकाया लाभ का भुगतान किया गया।
कोर्ट में गैरहाजिरी पर कार्रवाई
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पाया कि नोटिस जारी होने के बावजूद अधिकारी उपस्थित नहीं हुए। इस पर अदालत ने 100 रुपये के जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया और मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर को तय की।
याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी
मामले में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता असीम त्रिवेदी, आनंद शुक्ला, पंकज तिवारी, विनीत टेहेनगुनिया और शुभम पाटकर ने पैरवी की।
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