दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया पर विरोध दर्ज कराने से सावधान करते हुए सख्त चेतावनी दी है। संगठन प्रभारी महासचिव डॉ. संजय कामले ने स्पष्ट किया कि हाल ही में घोषित जिला एवं शहर अध्यक्षों की नियुक्तियाँ पार्टी हाईकमान के मार्गदर्शन और ए.आई.सी.सी. द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर हुई हैं, जो कांग्रेस की लोकतांत्रिक परंपराओं और संगठन सृजन अभियान का हिस्सा है।
डॉ. कामले ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने हर कार्यकर्ता को अपनी भावनाएँ रखने का अधिकार स्वीकार किया है, लेकिन सोशल मीडिया पर संगठन या नेतृत्व के खिलाफ बयानबाजी अनुशासनहीनता मानी जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन कार्यकर्ताओं या पदाधिकारियों ने फेसबुक, व्हाट्सएप या अन्य प्लेटफॉर्म पर पार्टी विरोधी टिप्पणियाँ की हैं, उन्हें तुरंत अपने वक्तव्य हटाने होंगे। इसके लिए 24 घंटे की समय सीमा तय की गई है, अन्यथा संबंधित व्यक्तियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक परिवार है और मतभेद संवाद से सुलझाए जा सकते हैं, किंतु संगठन की गरिमा और अनुशासन से कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि अपनी आपत्तियाँ सार्वजनिक मंचों के बजाय पार्टी की अनुशासन समिति, प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष या संगठन प्रभारी महासचिव के समक्ष ही रखें।