Jabalpur News: हाईकोर्ट का सरकार से सवाल - जबलपुर एयरपोर्ट पर 450 करोड़ खर्च के बावजूद उड़ानों में गिरावट क्यों?

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। डुमना एयरपोर्ट के विस्तार पर साढ़े चार सौ करोड़ रुपए खर्च होने के बावजूद जबलपुर से हवाई सेवाओं की स्थिति निराशाजनक बनी हुई है। इस मुद्दे पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार से पूछा है कि आखिर हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने को लेकर क्या ठोस योजना बनाई गई है।

मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने बुधवार को सुनवाई के दौरान निर्देश दिए कि 11 अगस्त तक इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि उड़ानों की संख्या बढ़ाने को लेकर कोई नीति बनाई गई है, तो उस पर शीघ्र अमल हो।

एयरलाइंस ने नहीं दिखाई रुचि

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सरकार और एयरलाइंस कंपनियों को संयुक्त बैठक करने के निर्देश दिए थे, लेकिन सरकार ने बताया कि पत्र भेजने के बावजूद कंपनियों के प्रतिनिधि बैठक में शामिल नहीं हुए। सरकार की ओर से यह जानकारी भी दी गई कि एयरपोर्ट पर कुछ सर्विस चार्ज कम किए गए हैं ताकि कंपनियों को प्रोत्साहित किया जा सके।

फरवरी 2025 में बनाई गई थी योजना

सरकार ने कोर्ट को बताया कि फरवरी 2025 में एक नीति बनाई गई थी, जिसमें एयरलाइंस को रियायती दरों पर सुविधाएं देने का प्रस्ताव है। कोर्ट ने इस पहल की सराहना की लेकिन इसके शीघ्र क्रियान्वयन पर जोर दिया।

जनहित याचिका से खुला मामला

यह मामला 2024 में नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच द्वारा दायर जनहित याचिका के जरिए सामने आया। याचिका में जबलपुर से हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने कोर्ट में दलील दी कि जबलपुर से पहले औसतन 15 उड़ानें रोजाना संचालित होती थीं, लेकिन अब इनकी संख्या में भारी गिरावट आई है।

भोपाल की उड़ान बंद हो चुकी है, जबकि पहले यहां से मुंबई, पुणे, कोलकाता और बेंगलुरु जैसी बड़ी जगहों के लिए सीधी उड़ानें चलती थीं। जबलपुर की हवाई कनेक्टिविटी एक समय इंदौर, ग्वालियर और भोपाल जैसी थी, लेकिन अब यात्रियों को अन्य शहरों के लिए यात्रा करने में काफी परेशानी हो रही है।

हाईकोर्ट ने दी दोबारा बैठक की हिदायत

कोर्ट ने सरकार को निर्देशित किया है कि एयरलाइंस कंपनियों के साथ दोबारा बैठक आयोजित कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि डुमना एयरपोर्ट पर हुआ निवेश व्यर्थ न जाए और जबलपुर को उसका पूरा हक मिले।

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