दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। हाईकोर्ट ने फरार आरोपी और खनन माफिया अमित खम्परिया मामले में मप्र पुलिस की कार्रवाई पर नाराजगी जताई है। जस्टिस विशाल मिश्रा की बेंच ने पुलिस द्वारा दाखिल रिपोर्ट को अधूरी और औपचारिक करार दिया। रिपोर्ट में केवल यह बताया गया कि आरोपी दिसंबर 2023 से फरार है, उसकी जमानत रद्द हो चुकी है और उसके लिए 10 हजार तथा बाद में 30 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया।
हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि पुलिस सिर्फ दिखावे के लिए कार्रवाई कर रही है, वास्तविकता में गिरफ्तारी के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। कोर्ट ने जबलपुर एसपी को विस्तृत हलफनामा पेश करने का मौका देते हुए मामले को 22 सितंबर 2025 के सप्ताह में सूचीबद्ध किया।
पुलिस पर पहले भी लगे थे मिलीभगत के आरोप
1 अगस्त 2025 को जस्टिस दिनेश कुमार पालीवाल की बेंच ने भी पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए थे। याचिकाकर्ता सचिन गुप्ता ने बताया कि खम्परिया खुलेआम शहर में घूमता है, जिससे पुलिस और आरोपी के बीच मिलीभगत की आशंका है।
फर्जी FDR और करोड़ों का घोटाला
अमित खम्परिया का यह मामला उमरिया पीडब्ल्यूडी विभाग से जुड़ा है। उसने पुल के टैक्स वसूली ठेका के लिए फर्जी FDR जमा की, जिसे बैंक ने पूरी तरह जाली पाया। इसके बावजूद विभाग और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में बताया कि खम्परिया पर 18 आपराधिक प्रकरण लंबित हैं, बावजूद इसके पुलिस की उदासीनता और आरोपी का खुलेआम घूमना न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है।
पुलिस पर अब बढ़ा दबाव
हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद अब पुलिस पर गिरफ्तारी का दबाव और बढ़ गया है। खम्परिया की फर्जीवाड़ा करने की पुरानी घटनाओं ने यह साबित कर दिया कि वह पैसों और रसूख का इस्तेमाल कर कानून को चकमा देता रहा। कोर्ट का संदेश साफ है कि अब आरोपी को बचाना आसान नहीं होगा।
