दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जबलपुर में करीब 1100 करोड़ की लागत से बने और प्रदेश के सबसे लंबे फ्लाईओवर ब्रिज की व्यवस्थाओं को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि यह दुनिया का पहला फ्लाईओवर है, जिसमें रोटरी बना दी गई है। इसके चलते वाहन चालक भ्रमित होते हैं और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा फ्लाईओवर घनी आबादी वाले इलाके से गुजरता है, जिससे आसपास रहने वाले लोगों की निजता का उल्लंघन हो रहा है।
सोमवार को चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने सरकार को तत्काल एक्शन लेने के निर्देश दिए। कोर्ट ने कहा कि दशहरा पर्व नजदीक है और ऐसे में भीड़ बढ़ने की संभावना है। इसलिए फ्लाईओवर पर एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स पर संकेतक लगाए जाएं, ट्रैफिक नियंत्रण के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाए और सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित हों।
याचिकाकर्ता ने बताया कि फ्लाईओवर पर ओवरस्पीडिंग, ध्वनि प्रदूषण और युवाओं द्वारा रील बनाने की घटनाएं बढ़ रही हैं। रात में छेड़छाड़ और अराजकता की शिकायतें भी हैं। साथ ही लोग फ्लाईओवर से कचरा और गंदगी नीचे फेंकते हैं, जिससे मंदिरों और कॉलोनियों में असुविधा हो रही है।
कोर्ट ने सरकार से कहा है कि व्यू कटर लगाने की संभावनाओं पर गंभीरता से विचार किया जाए, ताकि आसपास के लोगों की प्राइवेसी सुरक्षित रह सके और शोर-गंदगी पर रोक लगाई जा सके। साथ ही लैंडिंग्स पर यू-टर्न की व्यवस्था और उचित संकेतक लगाए जाएं ताकि जाम और दुर्घटनाओं की स्थिति से बचा जा सके।
