दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जबलपुर जिला कोर्ट ने शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को मानहानि मामले में तलब किया है। अदालत ने उन्हें 12 नवम्बर को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के निर्देश दिए हैं। यह नोटिस तुलसीपीठाधीश्वर जगतगुरु रामभद्राचार्य के शिष्य रामप्रकाश अवस्थी द्वारा दायर परिवाद पर भेजा गया है। परिवाद में आरोप लगाया गया है कि शंकराचार्य ने 28 अगस्त 2025 को एक टीवी इंटरव्यू के दौरान जगतगुरु रामभद्राचार्य के खिलाफ अपमानजनक और मानहानिकारक बयान दिए।
परिवाद के अनुसार, शंकराचार्य ने रामभद्राचार्य की गवाही को अदालतों में अमान्य बताते हुए इसे “झूठ का प्रोपेगैंडा” कहा। साथ ही उन्होंने उनके शारीरिक दोषों का उल्लेख करते हुए कहा कि शास्त्रों में अंधे व्यक्ति को आचार्य या जगतगुरु नहीं माना जाता। इन टिप्पणियों को परिवादी ने सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाला और धर्मगुरु का अपमान करने वाला बताया।
इसके अलावा, इंटरव्यू में शंकराचार्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर भी विवादित बयान दिए और राष्ट्रपति के आदेशों पर सवाल उठाए। परिवाद में मांग की गई है कि अविमुक्तेश्वरानंद पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 256, 399 और 302 सहित सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66A और 71 के तहत मामला दर्ज किया जाए। अदालत ने परिवाद को गंभीर मानते हुए नोटिस जारी किया है और अगली सुनवाई 12 नवम्बर को निर्धारित की है।
