दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। हनुमानताल थाना क्षेत्र के चार खंबा स्थित बूढ़ी खेरमाई मंदिर नवरात्रि के दौरान श्रद्धालुओं का मुख्य आकर्षण बना रहता है। करीब 1500 वर्ष पुरानी इस देवी प्रतिमा के साथ सखी मरही माता, शीतलामाई, महुआरानी और महामारी माता की शिलाएं भी मंदिर में स्थापित हैं। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर को गौंड साम्राज्य की कुलदेवी के रूप में पूजा जाता था और वीरांगना रानी दुर्गावती भी इसे अपनी कुलदेवी मानती थीं।मंदिर परिसर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में स्थित होने के कारण इसे शहर के सबसे संवेदनशील स्थलों में गिना जाता है। 1992 से ही यहां 1-4 सशस्त्र पुलिस गार्ड तैनात हैं, जो नवरात्रि के अवसर पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था करते हैं। मंदिर के भीतर केवल पंडा और पुजारी को ही प्रवेश की अनुमति है। नवरात्रि में हजारों श्रद्धालु दूर-दूर से यहां माता के दर्शन के लिए आते हैं।मंदिर समिति के अध्यक्ष जिला कलेक्टर होते हैं और वर्ष 2001 में जिला प्रशासन ने मंदिर को अपने अधीन कर ट्रस्ट का गठन किया। नवरात्रि के दौरान मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में पुलिस की नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था भी की जाती है। सुरक्षा के ये विशेष इंतजाम मंदिर में श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं और माहौल को शांतिपूर्ण बनाए रखते हैं।
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