Jabalpur News: 1.86 करोड़ की मूंग-उड़द घोटाला, समिति प्रबंधक-ऑपरेटर-सर्वेयर समेत 10 पर FIR

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। सहकारी संस्था और वेयरहाउस प्रबंधन में गड़बड़झाले का बड़ा मामला सामने आया है। 1 करोड़ 86 लाख रुपए कीमत की 2,187 क्विंटल मूंग और उड़द की गड़बड़ी उजागर होने पर कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर कृषि विभाग ने भेड़ाघाट थाना में 10 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है।

आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज

पुलिस ने सहायक संचालक रवि आम्रवंशी की शिकायत पर यह एफआईआर दर्ज की। जिन आरोपियों के नाम सामने आए हैं, उनमें कमल सिंह ठाकुर (बेलखेड़ी), राजपाल सिंह (मेरेगांव), दीपेंद्र सिंह ठाकुर (गुंदरई, मनकेड़ी), अजय तिवारी (शाखा प्रबंधक, सहकारी बैंक, शहपुरा), अंकित उर्फ राजशेखर (बेलखेड़ा), शंभू ठाकुर (हिनौता कटंगी), अरविंद उर्फ बिंदूराय (भैरोघाट, पिपरिया), रोहित यादव (कोनीकला, पाटन), देवेंद्र यादव (बिरहनी) और आदेश तिवारी (मजीठा)  शामिल हैं। इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने सरकारी योजना का लाभ उठाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करते हुए शासन को करोड़ों की आर्थिक क्षति पहुंचाई।

जांच में कैसे हुआ खुलासा

उपार्जन केंद्र की ऑनलाइन खरीदी और वास्तविक स्टॉक में बड़ा अंतर पाया गया।

खरीदी गई मूंग: 12,928 क्विंटल (503 किसानों से)

खरीदी गई उड़द: 8,736 क्विंटल (299 किसानों से)

जांच में मिली मूंग: 11,257 क्विंटल

जांच में मिली उड़द: 8,434 क्विंटल

यानी लगभग 1,671 क्विंटल मूंग और 253 क्विंटल उड़द कम मिली। इसके अलावा गोदाम में फर्श पर रखे 324 क्विंटल मूंग और 285.5 क्विंटल उड़द का कोई रिकॉर्ड पोर्टल पर दर्ज नहीं था।

कैसे हुआ खुलासा

एसडीएम शहपुरा की जांच में ऑनलाइन खरीदी और वास्तविक स्टॉक में भारी अंतर सामने आया।

किसानों से 12,928 क्विंटल मूंग और 8,736 क्विंटल उड़द खरीदी दिखलाई गई थी।

जांच में मात्र 11,257 क्विंटल मूंग और 8,434 क्विंटल उड़द ही गोदाम में पाई गई।

करीब 1,671 क्विंटल मूंग और 253 क्विंटल उड़द गायब थी।

फर्श पर बिना पोर्टल एंट्री के 324 क्विंटल मूंग और 285.5 क्विंटल उड़द भी रखी मिली।

पोर्टल पर दर्ज किसानों का असली किसानों से कोई संबंध नहीं

प्रारंभिक जांच में पाया गया कि पोर्टल पर दर्ज किसानों का असली किसानों से कोई संबंध नहीं है। फर्जी सिकमीनामा और पंजीयन कराते हुए असली किसानों के खसरे जोड़े गए और भुगतान फर्जी खातों में पहुंचाया गया। भारतीय किसान संघ ने ग्राम पथरिया के 13 किसानों की सूची दी, जिनके नाम पर गलत खरीदी दर्ज की गई थी।

दस्तावेज भी गायब

गोदाम में परिवहन के टीसी (ट्रक चालान) और खरीदी केंद्र के सीसीटीवी फुटेज भी प्रस्तुत नहीं किए गए। इससे स्पष्ट है कि पूरा घोटाला सोची-समझी साजिश के तहत किया गया।

पुलिस की आगे की जांच

भेड़ाघाट पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि मूंग-उड़द का भुगतान किन खातों में किया गया और किसने यह पूरा नेटवर्क खड़ा किया। पुलिस ने आरोपियों पर धारा 318(4), 336(3), 338, 61(2) बीएनएस के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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