दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जीएसटी काउंसिल द्वारा आम जनता को राहत देने के लिए 22 सितंबर को कई वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों में कटौती की गई थी, लेकिन इसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच पा रहा है। व्यापारी घटे हुए टैक्स के बावजूद पुरानी कीमतों पर ही सामान और सेवाएं बेच रहे हैं। इसको लेकर उपभोक्ताओं में नाराजगी बढ़ गई है।
जबलपुर में नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शन मंच ने इस गंभीर समस्या को उठाते हुए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। मंच के डॉ. पी. जी. नाज पांडे ने सरकार से मांग की कि उपभोक्ताओं के हित में तुरंत कदम उठाए जाएं और जीएसटी दरों में कटौती का लाभ जनता तक सुनिश्चित रूप से पहुंचे।
गौरतलब है कि पहले जीएसटी कानून की धारा 171 के तहत मुनाफाखोरी रोकने के लिए एंटी-प्रॉफिटियरिंग प्रावधान था। इसके जरिए ग्राहकों की शिकायतों पर कार्रवाई की जाती थी और दोषी व्यापारियों पर जुर्माना लगाया जाता था। लेकिन यह प्रावधान 31 मार्च 2025 को "सनसेट क्लॉज" के तहत समाप्त कर दिया गया और 1 अप्रैल से शिकायत पोर्टल भी बंद कर दिया गया।
ज्ञापन में सरकार से मांग की गई है कि जीएसटी से संबंधित शिकायतों के लिए एक नया पोर्टल या शिकायत निवारण तंत्र फिर से शुरू किया जाए। मंच का कहना है कि जब तक ऐसा नहीं होगा, तब तक व्यापारी मनमानी करते रहेंगे और उपभोक्ताओं को राहत नहीं मिल पाएगी।
