दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। संस्कारधानी जबलपुर इन दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के लिए केंद्र बिंदु बना हुआ है। आज से आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक का शुभारंभ हुआ, जो 1 नवंबर तक चलेगी। यह पहली बार है जब इतनी बड़ी राष्ट्रीय स्तर की संघ बैठक जबलपुर में आयोजित की गई है।
बैठक का शुभारंभ सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया। इस मौके पर देशभर के 46 प्रांतों के कार्यवाह, प्रचारक और 407 प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
शताब्दी वर्ष की तैयारियों पर मंथन
तीन दिनों तक चलने वाली यह बैठक संघ के शताब्दी वर्ष (2025-26) की तैयारियों को लेकर बेहद अहम मानी जा रही है। इसमें संघ की संगठनात्मक गतिविधियों, रणनीतियों और भविष्य की योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की जा रही है।
जानकारी के अनुसार, आरएसएस के शताब्दी वर्ष में देशभर में एक लाख से अधिक हिंदू सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। ये सम्मेलन मोहल्ला और बस्ती स्तर पर होंगे, जिनका उद्देश्य “पंच परिवर्तन” और हिंदुत्व के विस्तार को सशक्त बनाना है।
सामाजिक और राष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा
बैठक में राष्ट्रीय और सामाजिक मुद्दों, साथ ही गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस और बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती को भी विशेष रूप से याद किया जा रहा है।
बैठक में शामिल पदाधिकारी आने वाले महीनों में संघ के सामाजिक अभियानों और राष्ट्र निर्माण में योगदान के रोडमैप पर भी विचार कर रहे हैं।
बैठक प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगी
बैठक की शुरुआत में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन, फिल्म अभिनेता असरानी सहित 207 लोगों को श्रद्धांजलि दी गई।
आरएसएस के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र कुमार ने बताया कि बैठक प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगी, जिसमें आगामी कार्यक्रमों और संगठन विस्तार की योजनाओं पर मंथन होगा।
नड्डा की मौजूदगी की संभावना
सूत्रों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी इस बैठक में शामिल होने के लिए जबलपुर पहुंच सकते हैं।

