दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज, जबलपुर के डॉक्टरों ने अपनी उत्कृष्ट चिकित्सा क्षमता का परिचय देते हुए दमोह की डेढ़ साल की मासूम गरिमा की जान बचाई है। बच्ची के फेफड़े की मुख्य श्वसन नली में करीब डेढ़ इंच लंबी एलईडी लाइट फंसी हुई थी, जिससे उसकी जान पर बन आई थी।
खांसी से बढ़ी परेशानी, एक्सरे में दिखी अजीब वस्तु
दमोह जिले के हीरा सिंह की बेटी गरिमा पिछले एक सप्ताह से लगातार खांसी से पीड़ित थी। जब निजी अस्पताल में इलाज के बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ, तो एक्सरे कराया गया। रिपोर्ट में फेफड़े में किसी अजीब वस्तु की झलक दिखी, जिससे डॉक्टरों को शक हुआ। तुरंत उसे जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया।
रातभर चला जीवनरक्षक ऑपरेशन
26 अक्टूबर की रात गरिमा को मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में भर्ती किया गया। ईएनटी विभाग की टीम ने जांच में पाया कि दाहिने फेफड़े की मुख्य श्वसन नली में एलईडी लाइट फंसी है। इतनी छोटी बच्ची पर यह ऑपरेशन बेहद जोखिमपूर्ण था। विशेषज्ञ टीम ने तुरंत ब्रोंकोस्कॉपी प्रक्रिया के जरिए एलईडी लाइट को सफलतापूर्वक निकाल लिया।
डॉक्टरों के मुताबिक, “अगर थोड़ी भी देर होती, तो बच्ची की सांसें हमेशा के लिए रुक सकती थीं।”
तीन दिन ICU में रही गरिमा, अब पूरी तरह स्वस्थ
ऑपरेशन के बाद गरिमा को पेडियाट्रिक आईसीयू (PICU) में भर्ती किया गया। 27 से 29 अक्टूबर तक उसे मैकेनिकल वेंटिलेशन पर रखा गया और डॉक्टरों की टीम लगातार उसकी स्थिति पर नजर रखती रही। तीन दिन बाद जब हालत में सुधार हुआ, तो 29 अक्टूबर को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।
“डॉक्टरों ने हमारी बच्ची को नया जीवन दिया”
गरिमा के माता-पिता ने भावुक होकर कहा डॉक्टरों ने हमारी बच्ची को नया जीवन दिया है, यह हमारे परिवार के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं।
मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने डॉक्टरों की टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह सफलता टीमवर्क, तत्परता और विशेषज्ञता का परिणाम है।

