दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। कर्ज और किस्तों के बोझ तले दबे जबलपुर जिले के वेयरहाउस मालिक अब आंदोलन के रास्ते पर उतर आए हैं। बीते 40 माह से किराए का भुगतान नहीं मिलने से नाराज वेयरहाउस संचालक अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। उन्होंने साफ चेतावनी दी है कि अगर शासन ने भुगतान नहीं किया, तो आगामी धान खरीदी में कोई भी निजी वेयरहाउस शामिल नहीं होगा।
धरना कृषि उपज मंडी स्थित संभागीय कार्यालय के बाहर पिछले एक सप्ताह से जारी है। संचालकों का कहना है कि शासन की लापरवाही के चलते अब बैंक की किस्तें चुकाने के लिए घर-जमीन बेचनी पड़ रही है।
125 करोड़ से अधिक भुगतान अटका
जिले के करीब 450 निजी और 40 से अधिक सरकारी वेयरहाउस में हर साल धान और गेहूं का भंडारण किया जाता है। लेकिन पिछले 40 महीनों से लगभग 125 से 130 करोड़ रुपए का भुगतान अटका हुआ है।
वेयरहाउस संचालक संघ के अध्यक्ष ने बताया कि भुगतान न मिलने के कारण अब वेयरहाउस में कीटनाशक छिड़काव तक नहीं हो पा रहा है, जिससे अनाज खराब होने की कगार पर है।
धान खरीदी में नहीं होंगे शामिल
नाराज संचालकों ने कहा कि अगर अगले सप्ताह तक भुगतान नहीं मिला तो नवंबर से शुरू होने वाली धान खरीदी में कोई भी वेयरहाउस मालिक हिस्सा नहीं लेगा। प्रशासन चाहे तो धान मैदान में रखे या सड़कों पर, अब हम वेयरहाउस के दरवाजे नहीं खोलेंगे।
बैंक दबाव में एनपीए बने मालिक
वेयरहाउस मालिक दिनेश पटेल ने बताया कि लंबे समय से किराया न मिलने की वजह से वे एनपीए घोषित हो चुके हैं। अब बैंक की वसूली से बचने के लिए घर के जेवर और जमीन तक बेचनी पड़ रही है।
शासन बोला– जल्द होगा भुगतान
वेयरहाउस लॉजिस्टिक एंड कार्पोरेशन के जीएम संतोष कुमार सोलंकी ने कहा कि जमाकर्ताओं द्वारा राशि नहीं मिलने से भुगतान अटका है।
उन्होंने बताया कि मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी गई है और शासन से बातचीत चल रही है, जल्द भुगतान जारी करने की उम्मीद है।
कलेक्टर को सौपा ज्ञापन
धरने पर बैठे संचालकों ने गुरुवार को कृषि उपज मंडी से घंटाघर तक पैदल मार्च निकाला और कलेक्टर राघवेंद्र सिंह से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा— “जब तक भुगतान नहीं होगा, आंदोलन जारी रहेगा।”