दैनिक सांध्य बन्धु मुंबई (एजेंसी)। बॉलीवुड के जाने-माने फिल्म प्रोड्यूसर बोनी कपूर आज अपना 70वां जन्मदिन मना रहे हैं। फिल्म वो सात दिन और मिस्टर इंडिया जैसी सुपरहिट फिल्मों के निर्माता बोनी कपूर की जिंदगी संघर्ष और उतार-चढ़ाव से भरी रही है। एक वक्त ऐसा भी था जब उनका परिवार राज कपूर के गैराज में रहा करता था, लेकिन मेहनत और दृढ़ निश्चय ने उन्हें इंडस्ट्री के शीर्ष निर्माताओं में शामिल कर दिया।
गरीबी से शुरुआत, पिता की बीमारी ने डाली जिम्मेदारी
बोनी कपूर का जन्म 1955 में हुआ था। उनके पिता सुरिंदर कपूर, पृथ्वीराज कपूर के चचेरे भाई थे। जब परिवार मुंबई आया तो वे राज कपूर के गैराज में रहते थे। सुरिंदर कपूर ने गीता बाली के असिस्टेंट के रूप में काम शुरू किया और बाद में प्रोड्यूसर बन गए।
पिता की दिल की बीमारी के बाद बोनी कपूर ने परिवार की जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने बताया कि उस दौर में घर चलाने की पूरी जिम्मेदारी उन पर थी।
80 के दशक में फिल्मों का सफर शुरू
बोनी कपूर ने 1980 में 'हम पांच' से फिल्म निर्माण की शुरुआत की। इसके बाद 'वो सात दिन' (1983) से उन्होंने अपने छोटे भाई अनिल कपूर को लॉन्च किया।
1987 में आई 'मिस्टर इंडिया' उनकी सबसे बड़ी सफलता बनी, जिसने श्रीदेवी और अनिल कपूर दोनों को सुपरस्टार बना दिया।
श्रीदेवी से प्रेम और विवाह
बोनी कपूर ने पहले मोना शौरी से शादी की थी, जिनसे उनके दो बच्चे हैं – अर्जुन कपूर और अंशुला कपूर। लेकिन 1996 में उन्होंने अभिनेत्री श्रीदेवी से शादी कर ली। श्रीदेवी उस समय प्रेग्नेंट थीं और बाद में उनकी दो बेटियां हुईं – जान्हवी और खुशी कपूर।
बोनी और श्रीदेवी की मुलाकात मिस्टर इंडिया के दौरान हुई थी, लेकिन बोनी का प्यार उनसे बहुत पहले शुरू हो गया था। श्रीदेवी की मां के इलाज के दौरान उन्होंने आर्थिक और भावनात्मक सहयोग देकर उनका दिल जीत लिया।
12 करोड़ के कर्ज में डूबे, फिर संभली किस्मत
मिस्टर इंडिया के बाद बोनी ने बड़े बजट की फिल्म 'रूप की रानी चोरों का राजा' बनाई, जिसकी लागत करीब 9 करोड़ थी। रिलीज में देरी और कमजोर कहानी के कारण फिल्म फ्लॉप हो गई।
इससे बोनी पर 12 करोड़ का कर्ज चढ़ गया। उन्होंने अपनी संपत्ति बेचकर चार साल में कर्ज चुकाया। उस कठिन समय में उनकी पत्नी और भाई अनिल कपूर ने पूरा साथ दिया।
महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ हड़ताल का नेतृत्व
1986 में टिकट टैक्स बढ़ने पर बोनी कपूर सहित फिल्म जगत के कई सितारे — राज कपूर, अमिताभ बच्चन, दिलीप कुमार, धर्मेंद्र, हेमा मालिनी — सड़कों पर उतरे।
हड़ताल से 200 फिल्मों की शूटिंग रुकी, लाखों वर्कर्स बेरोजगार हुए। अंततः सरकार को झुकना पड़ा और टैक्स घटाना पड़ा।
श्रीदेवी के निधन से टूटा दिल
2018 में श्रीदेवी के निधन ने बोनी कपूर को गहरा आघात पहुंचाया। वे आज भी सार्वजनिक आयोजनों में उन्हें याद कर भावुक हो जाते हैं।
आज बोनी कपूर का नाम सम्मान के साथ लिया जाता है
गरीबी से शुरुआत करने वाले बोनी कपूर आज भारतीय सिनेमा के सबसे सम्मानित निर्माताओं में गिने जाते हैं। उन्होंने साबित किया कि संघर्ष कितना भी बड़ा क्यों न हो, अगर हौसला मजबूत हो तो किस्मत भी बदल जाती है।
