Jabalpur News: दोनों शिक्षिकाएं लगीं चुनाव ड्यूटी पर, टीचर विहीन हुई प्राथमिक शाला, बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह ठप

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दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर।
पनागर क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी एक बार फिर चर्चा में है। शासकीय प्राथमिक शाला पठानी मोहल्ला की स्थिति फिलहाल गंभीर बनी हुई है, क्योंकि यहां पदस्थ दोनों शिक्षिकाओं की ड्यूटी निर्वाचन कार्य में लगा दी गई है। इससे स्कूल पूरी तरह टीचर-विहीन हो गया है और अध्यापन कार्य ठप हो गया है। अभिभावकों का कहना है कि अब बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह रुक गई है, जबकि कुछ ही महीनों में परीक्षाएं आयोजित होनी हैं।

दोनों शिक्षिकाएं बीएलओ कार्य में लगीं

जानकारी के अनुसार, शासकीय प्राथमिक शाला पठानी मोहल्ला पनागर में पदस्थ शिक्षिकाएं संगीता बर्मन और राजकुमारी खटीक की ड्यूटी बीएलओ (मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य) एवं सहायक निर्वाचन कार्य में लगा दी गई है। इन दोनों के ड्यूटी पर चले जाने से स्कूल में कोई शिक्षक नहीं बचा है। विद्यालय में करीब दर्जनों बच्चे अध्ययनरत हैं, जो अब बिना पढ़ाई के स्कूल में खाली समय बिता रहे हैं।

अध्यापन कार्य पूरी तरह ठप

स्थानीय अभिभावकों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से स्कूल में किसी शिक्षक का आना-जाना नहीं हो रहा है। बच्चे स्कूल तो आ रहे हैं, लेकिन पढ़ाई न होने से उनका समय व्यर्थ जा रहा है। स्थिति यह है कि आने वाले महीनों में होने वाली वार्षिक परीक्षाओं की तैयारी भी नहीं हो पा रही है। कोर्स अधूरा रह जाने की चिंता अभिभावकों के चेहरों पर साफ झलक रही है।

अभिभावकों ने की कार्रवाई की मांग

अभिभावकों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जब स्कूल में सिर्फ दो शिक्षिकाएं ही पदस्थ थीं, तो प्रशासन ने आखिर दोनों को एक साथ निर्वाचन कार्य में कैसे भेज दिया। इससे बच्चों का भविष्य दांव पर लग गया है। उन्होंने पनागर के अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) से मांग की है कि विद्यालय में वैकल्पिक शिक्षक की तत्काल व्यवस्था की जाए, ताकि बच्चों की पढ़ाई दोबारा शुरू हो सके।

चुनाव ड्यूटी से फिर प्रभावित हुआ अध्यापन

यह पहली बार नहीं है जब चुनावी कार्यों के दौरान स्कूलों का अध्यापन बाधित हुआ हो। जिले के कई अन्य विद्यालयों में भी ऐसी स्थिति देखने को मिल रही है, जहां सीमित शिक्षकों की ड्यूटी बीएलओ या निर्वाचन कार्यों में लगा दी जाती है। शिक्षकों के अनुसार, प्रशासनिक कार्यों में बार-बार बुलाए जाने से बच्चों की पढ़ाई पर सीधा असर पड़ता है।

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