SIR की शुरुआत में ही गड़बड़ी: उज्जैन में फॉर्म नहीं छपे, धार में आधे प्रिंट; भोपाल-इंदौर में कलेक्टर खुद पहुंचे वोटर्स के घर

दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। मध्यप्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (Special Intensive Revision - SIR) की शुरुआत मंगलवार से हो गई है, लेकिन पहले ही दिन प्रशासनिक लापरवाही सामने आ गई। उज्जैन में गणना पत्रक यानी फॉर्म ही नहीं छप पाए, वहीं धार में आधे फॉर्म बिना दूसरे पेज के प्रिंट हुए। दूसरी ओर भोपाल और इंदौर में कलेक्टर खुद फील्ड में उतरकर मतदाताओं के घर पहुंचे और फॉर्म भरवाए।

उज्जैन में शुरुआत ही नहीं हो सकी

उज्जैन जिले में मंगलवार से एसआईआर शुरू होना था, लेकिन गणना पत्रक (Enumeration Form) समय पर नहीं पहुंचने से काम शुरू नहीं हो पाया। सुबह से एसडीएम और तहसीलदार फॉर्म आने का इंतजार करते रहे। बड़नगर एसडीएम धीरेन्द्र पाराशर ने बताया कि पत्रक आने वाले थे लेकिन लेट हो गए हैं। अब बुधवार से सर्वे शुरू होने की उम्मीद है।

धार में आधे प्रिंट, काम में बाधा

धार जिले में जो फॉर्म बीएलओ को दिए गए, उनका दूसरा पेज प्रिंट ही नहीं हुआ था। इस कारण पहले दिन बीएलओ को मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

भोपाल में कलेक्टर ने संभाली कमान

राजधानी भोपाल में कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह खुद फील्ड में पहुंचे। उन्होंने हुजूर विधानसभा के कई मतदान केंद्रों पर मतदाताओं से फॉर्म भरवाए और बीएलओ के कार्य की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि जिले के सभी 2029 बीएलओ और 250 सुपरवाइजर घर-घर सर्वे में जुटे हैं। प्रत्येक बीएलओ को तीन बार तक घर जाकर मतदाता का सत्यापन करना होगा।

इंदौर में बुजुर्ग मतदाता से कलेक्टर ने भरवाया फॉर्म

इंदौर कलेक्टर शिवम वर्मा ने 95 वर्षीय मतदाता वासुदेव वर्मा के घर पहुंचकर खुद फॉर्म भरवाया। उन्होंने कहा कि यह अभियान मतदाता सूची को त्रुटिरहित और पारदर्शी बनाएगा। एक महीने तक सर्वे चलेगा, जिसमें डुप्लीकेट और फर्जी नामों को सूची से हटाया जाएगा।

ग्वालियर-जबलपुर में फॉर्म वितरण जारी

ग्वालियर में छह विधानसभा क्षेत्रों में करीब 20% फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं। वहीं जबलपुर में उप जिला निर्वाचन अधिकारी ज्योति परस्ते के अनुसार फॉर्म वितरण और वेरिफिकेशन शुरू हो चुका है।

2003 के बाद पहली बार घर-घर सर्वे

2003 के बाद यह पहला मौका है जब मतदाता सूची का डोर-टू-डोर सर्वे किया जा रहा है। जिन लोगों के नाम 2003 की सूची में नहीं हैं, उन्हें परिवार में किसका नाम था, यह बताना होगा।

दस्तावेज नहीं, फॉर्म से ही होगा सत्यापन

कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने स्पष्ट किया कि मतदाता से कोई दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे। जो जानकारी फॉर्म में दी जाएगी, उसी से सत्यापन होगा। लापरवाही पाए जाने पर अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।

आगे की प्रक्रिया

नवंबर में डोर-टू-डोर सर्वे पूरा होगा

दिसंबर में प्रारंभिक सूची जारी की जाएगी

3 जनवरी तक आपत्तियां ली जाएंगी

7 फरवरी को अंतिम सूची प्रकाशित होगी

मतदाताओं के लिए जरूरी जानकारी

2003 और वर्तमान की वोटर लिस्ट देखने के लिए वेबसाइट https://voters.eci.gov.in पर जाएं, “SIR” ऑप्शन चुनें, राज्य और विधानसभा का चयन करें और अपना नाम खोजें।

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