दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कुख्यात बदमाश अब्दुल रज्जाक की याचिका पर सुनवाई करते हुए भाजपा विधायक संजय पाठक को विधानसभा सचिव के माध्यम से नोटिस तामील कराने के आदेश दिए हैं। सोमवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने यह कदम तब उठाया, जब याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि विधायक के घर भेजा गया नोटिस तामील नहीं हो पाया था।
जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस रामकुमार चौबे की खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर तय की है।
रज्जाक का आरोप: विधायक के दबाव में कार्रवाई
याचिकाकर्ता अब्दुल रज्जाक के वकीलों ने अदालत को बताया कि व्यवसायिक प्रतिद्वंद्विता के चलते पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक संजय पाठक के इशारे पर रज्जाक को टारगेट किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि रज्जाक के खिलाफ दर्ज कई मामलों में अभी तक फाइनल रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई है।
जैसे ही एक केस में जमानत मिलती है, तुरंत दूसरे मामले में गिरफ्तारी दिखा दी जाती है—यह न्यायिक प्रक्रिया के साथ छलावा है।
हाईकोर्ट का बड़ा सवाल: जेल में था रज्जाक, केस कैसे दर्ज हुए?
पिछली सुनवाई (29 अक्टूबर) में हाईकोर्ट ने पुलिस प्रशासन की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाए थे।
कोर्ट ने पूछा था जब रज्जाक अगस्त 2021 से जेल में बंद था, तब उसके खिलाफ अलग-अलग थानों में नए आपराधिक प्रकरण दर्ज कैसे हो गए?
साथ ही कोर्ट ने यह भी पूछा था कि रज्जाक ने जिन लोगों पर आरोप लगाए हैं—विधायक संजय पाठक और खनन कारोबारी—उन्हें नामजद पक्षकार क्यों नहीं बनाया गया।
नोटिस तामील न होने पर कोर्ट सख्त
याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि पहले भी 31 अक्टूबर को नोटिस भेजा गया था, लेकिन वह तामील नहीं हुआ। इसके बाद अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिया कि विधानसभा सचिव के जरिए नोटिस भेजकर यह सुनिश्चित किया जाए कि विधायक तक नोटिस पहुंचे।