Bhopal News: फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष पर युवक की पिटाई का आरोप, पीड़ित ने कहा- कमरे में बंद कर मारा, पुलिस देखती रही

दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। भोपाल में फार्मेसी काउंसिल कार्यालय के अंदर एक युवक की बेरहमी से पिटाई का मामला तूल पकड़ चुका है। पीड़ित तुषार सुनार का वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें उसने फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष संजय जैन, केके यादव, गोपाल यादव और अन्य अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। तुषार का दावा है कि उसे कमरे में बंद कर मारापीटा गया, उसके प्राइवेट पार्ट पर हमला किया गया और मोबाइल छीनकर वीडियो डिलीट करने का दबाव बनाया गया।

पीड़ित के मुताबिक, वह पिछले एक महीने से डिजिटल साइन पेंडिंग को लेकर दफ्तर के चक्कर काट रहा था, लेकिन हर बार उसे टाल दिया जाता था। शुक्रवार को मिलने पहुंचे तुषार को गार्ड ने रोक लिया और कॉलर पकड़कर धक्का दिया। इसी दौरान गार्ड पीछे की ओर गिरा और चैनल से टकरा गया। इसके बाद मौजूद अधिकारी तुषार पर टूट पड़े। प्रत्यक्षदर्शियों ने भी बताया कि गार्ड ने ही पहले युवक का कॉलर पकड़ा था, जिसके बाद यह विवाद बढ़ा।

तुषार का कहना है कि जैसे ही उसने अपनी सुरक्षा के लिए वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू की, अधिकारी भड़क गए और उसका फोन छीन लिया। वायरल फुटेज में स्पष्ट दिख रहा है कि 3-4 लोग उसे जमीन पर घसीटते हुए कमरे के अंदर ले जा रहे हैं। पीड़ित ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद था, लेकिन उसने उसे बचाने की कोई कोशिश नहीं की। अधिकारियों ने धमकी भी दी कि अगर कोई वीडियो बनाएगा तो उसका रजिस्ट्रेशन या रिनुअल रोक दिया जाएगा।

तुषार और उसके परिवार ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि अध्यक्ष संजय जैन, केके यादव, गोपाल यादव और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों पर FIR दर्ज की जाए और कड़ी कार्रवाई की जाए। मामले में काउंसिल की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। अध्यक्ष संजय जैन को कई बार फोन और मैसेज किए गए, लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

घटना के बाद छात्र संगठनों का गुस्सा भड़क उठा। एनएसयूआई ने पहले काउंसिल कार्यालय में नारेबाजी कर अध्यक्ष के नामपट्ट पर कालिख पोत दी। इसके बाद एबीवीपी ने भी यहां जोरदार प्रदर्शन किया। एबीवीपी के पदाधिकारियों ने संजय जैन के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि जब तक वह पद नहीं छोड़ते, प्रदर्शन जारी रहेगा। संगठन का कहना है कि जल्द ही संजय जैन का पुतला दहन भी किया जाएगा।

घटना ने राजधानी में फार्मेसी काउंसिल की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और पीड़ित इंसाफ की मांग को लेकर डटा है।

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