दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। शहर में लगातार गिरते पारे के बीच ठंड अपना प्रकोप दिखा रही है, लेकिन प्रशासन की ओर से इससे निपटने की कोई ठोस तैयारी नजर नहीं आ रही। न तो स्कूलों की टाइमिंग बदली गई है और न ही प्रमुख स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की गई है। इससे आम नागरिकों के साथ ही मरीजों और बच्चों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पारा लगातार लुढ़क रहा, पर इंतज़ाम नदारद
शहर सहित पूरे प्रदेश में तापमान लगातार गिरता जा रहा है। इसके बावजूद नगर निगम ने अब तक किसी भी स्थान पर अलाव की व्यवस्था नहीं की है। सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजन भी ठंड झेलने को मजबूर हैं। सामान्यतः हर साल तापमान कम होते ही अलाव के प्वाइंट निर्धारित कर लकड़ी उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन इस बार जिम्मेदार पूरी तरह लापरवाह नजर आ रहे हैं।
जहां लगते थे अलाव, वहां आज भी सन्नाटा
नेताजी सुभाषचंद्र बोस अस्पताल, धनवंतरी नगर चौराहा, भेड़ाघाट बायपास, बस स्टैण्ड, पिसनहारी मढ़िया, त्रिपुरी चौक समेत शहर के अनेक क्षेत्रों में पहले अलाव की व्यवस्था की जाती थी। इन स्थानों पर रातभर रुकने वाले लोगों को काफी राहत मिलती थी। लेकिन इस बार इन इलाकों में अलाव के लिए लकड़ी तक उपलब्ध नहीं कराई गई।
बस स्टैण्ड पर यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं
अंतर्राज्यीय दीनदयाल बस स्टैण्ड पर दिन-रात यात्रियों की आवाजाही बनी रहती है। बावजूद इसके अब तक यहां अलाव की सुविधा नहीं मिल सकी है। इससे देर रात आने-जाने वाले यात्रियों को बेहद ठंड का सामना करना पड़ रहा है।
ठंड में बीमार हो रहे बच्चे, स्कूल टाइमिंग बदलने की मांग तेज
कड़ाके की ठंड में बच्चे सुबह-सुबह स्कूल जाने को मजबूर हैं, जिसके चलते उनमें सर्दी, खाँसी, बुखार और जुकाम जैसी समस्याएं बढ़ने लगी हैं। मप्र जागरूक अधिकारी कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रॉबर्ट मार्टिन ने मांग की है कि बढ़ती शीतलहर को देखते हुए सभी शासकीय एवं अशासकीय स्कूलों की टाइमिंग तुरंत बदली जाए। उनका कहना है कि ठंड से बच्चों का स्वास्थ्य ही नहीं, पढ़ाई भी गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है।
जनता सवाल पूछ रही, प्रशासन खामोश
गिरते तापमान और बढ़ती ठंड के बीच शहरवासी राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं, लेकिन प्रशासन की चुप्पी चिंता बढ़ा रही है। लोगों का कहना है कि यदि जल्द ही अलाव और स्कूल टाइमिंग को लेकर निर्णय नहीं लिया गया, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।