MP News: दिल्ली रवाना हुए सीएम मोहन यादव, नड्‌डा को देंगे मेडिकल कॉलेजों के भूमिपूजन का न्यौता

दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सोमवार को मंत्रालय में चल रही विभागीय समीक्षा बैठकें बीच में छोड़कर अचानक दिल्ली रवाना हो गए। वे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्‌डा को पन्ना, बैतूल, कटनी और धार में पीपीपी मोड पर प्रस्तावित चार मेडिकल कॉलेजों के भूमिपूजन कार्यक्रम का न्यौता देने पहुंचे हैं।

दिल्ली जाने से पहले सीएम ने स्वास्थ्य, सहकारिता और महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा की। लाड़ली लक्ष्मी योजना में बढ़ते ड्रॉपआउट पर उन्होंने नाराजगी जताई और महिला एवं बाल विकास विभाग को तीन साल में कुपोषण समाप्त करने का लक्ष्य दिया। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की ऑनलाइन पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया पर संतोष जताते हुए उन्होंने टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी पाए जाने पर वरिष्ठ अधिकारियों पर भी कार्रवाई की चेतावनी दी।

बैठक में बताया गया कि टेक होम राशन की FRS प्रक्रिया में एमपी को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान मिला है, जबकि स्पॉन्सरशिप योजना में 20,243 बच्चों को लाभ दिलाकर राज्य देश में दूसरे स्थान पर है। झाबुआ की ‘मोटी आई’ पहल को प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार भी मिल चुका है।

समीक्षा में प्रस्तुत तीन साल की कार्ययोजना में 2026 से शहरी आंगनवाड़ियों को सेंट्रल किचन से गर्म भोजन उपलब्ध कराने, निपुण भारत आधारित विकास कार्ड से गुणवत्तावर्धन, 34 लाख बालिकाओं को छात्रवृत्ति-प्रोत्साहन राशि देने तथा 9,000 नए आंगनवाड़ी भवन निर्माण का लक्ष्य शामिल है।

महिला एवं बाल विकास विभाग ने अपनी उपलब्धियों में पीएम मातृ वंदना योजना के तहत 9.70 लाख गर्भवती महिलाओं को 512 करोड़ रुपये की सहायता, लाड़ली बहना योजना में अब तक 36,778 करोड़ रुपये का भुगतान और वन स्टॉप सेंटरों द्वारा 52 हजार से अधिक महिलाओं की सुरक्षा की जानकारी दी। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान में पौधारोपण, ड्राइविंग लाइसेंस वितरण और प्रतियोगी परीक्षा प्रशिक्षण जैसे कार्यों में भी उल्लेखनीय उपलब्धियां बताई गईं।

सहकारिता विभाग की समीक्षा में सीएम ने जिला सहकारी बैंकों को मर्ज कर एक बड़ा राज्य स्तरीय बैंक बनाने का सुझाव दिया। छह जिला सहकारी बैंकों को सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार 50–50 करोड़ रुपये की पूंजी देगी। बीज उत्पादन के “एमपी चीता” ब्रांड का उल्लेख होने पर सीएम ने मजाक में पूछा—“सहकारिता में फारेस्ट कैसे घुस आया?”

स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा में सीएम ने बांड वाले डॉक्टरों के भर्ती नियमों में संशोधन की बात कही और इसे जल्द कैबिनेट में लाने की घोषणा की। प्राइवेट अस्पतालों में सीजेरियन ऑपरेशन की बढ़ती शिकायतों और 108 एम्बुलेंस द्वारा जबरिया निजी अस्पताल ले जाने की शिकायतों पर सख्त निगरानी और कार्रवाई के निर्देश दिए।

सीएम ने बताया कि 2003–04 में जहां प्रदेश में केवल 5 मेडिकल कॉलेज थे, वहीं 2025–26 तक यह संख्या बढ़कर 52 हो जाएगी। सतना में 383 करोड़ की लागत से नया चिकित्सालय बनने जा रहा है, वहीं प्रदेश में 14 नए नर्सिंग कॉलेज शुरू हो रहे हैं। भोपाल और रीवा में कार्डिएक कैथलैब शुरू हो चुकी है तथा ग्वालियर और जबलपुर में जल्द शुरू होने की तैयारी है। अस्पताल खोलने के लिए निवेशकों को 1 रुपए में जमीन उपलब्ध कराने का नवाचार करने वाला एमपी देश का पहला राज्य बताया गया।

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