MP News: विधायक संजय पाठक से जुड़ी कंपनियों को ₹443 करोड़ का नोटिस 15 दिन में जमा न करने पर कार्रवाई की तैयारी

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर/भोपाल। विजयराघवगढ़ से बीजेपी विधायक संजय पाठक से जुड़ी कंपनियों पर ₹443 करोड़ की वसूली के नोटिस का मामला मंगलवार को विधानसभा में गूंजा।

कांग्रेस विधायक डॉ. हीरालाल अलावा द्वारा पूछे गए प्रश्न क्रमांक 685 के लिखित उत्तर में खनिज विभाग ने स्वीकार किया कि जबलपुर जिले में चार कंपनियों द्वारा स्वीकृत सीमा से अधिक रेत उत्खनन (Over Mining) किया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की ओर से दिए गए जवाब में कहा गया कि “कड़ी कार्रवाई की जा रही है, वसूली आदेश जारी हो चुके हैं।”

किन कंपनियों पर कार्रवाई?

जबलपुर कलेक्टर की जांच रिपोर्ट के आधार पर इन चार कंपनियों पर कुल ₹4,43,04,86,890 की वसूली निर्धारित की गई—

1. आनंद माइनिंग कॉर्पोरेशन, ग्राम टिकरिया

2. नीलिमा मिनरल्स, ग्राम दुबियारा

3. नीलिमा मिनरल्स, ग्राम अगरिया

4. पैसिफिक एक्सपोर्ट, ग्राम झिठी

कलेक्टर ने क्या पाया?

10 नवंबर 2025 को जारी आदेशों में कलेक्टर ने कंपनियों को 15 दिन में राशि जमा करने का निर्देश दिया और चेतावनी दी—

जमा न करने पर भू-राजस्व अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई होगी।

नियम 216 (खनिज नियम 2019) के तहत भी कार्रवाई की तैयारी।

कलेक्टर की रिपोर्ट में यह गड़बड़ियां सामने आईं—

1. उत्खनन स्वीकृत मात्रा से कई गुना अधिक

कंपनियों ने अनुमति से कई गुना ज्यादा रेत निकाली।

2. रेत परिवहन पर्चियों (TP) में भारी अंतर

टीपी मिलान के दौरान बड़े पैमाने पर असंगतियां मिलीं।

3. चोरी-छिपे रेत की निकासी

नज़दीकी घाटों से रेत निकालकर दूसरे जिलों तक भेजे जाने के संकेत मिले।

4. ओवर माइनिंग साबित

कलेक्टर ने अपने आदेश में लिखा—

“यह निर्धारित मात्रा से अधिक उत्खनन (Over Mining) है, इसलिए नियम 194/2014 और कोर्ट आदेश 02/08/2017 के अनुसार आर्थिक दंड देय है।”

विधानसभा में विधायक हीरालाल अलावा का आरोप — “ये 1000 करोड़ का खेल”

कांग्रेस विधायक Dr. अलावा ने कहा जिले में रेत ठेकेदारों को “कथित संरक्षण” मिला हुआ था। उनके अनुमान के अनुसार हानि 1000 करोड़ रुपए से अधिक हो सकती है। सरकार को पूरे जिले और आसपास के जिलों में व्यापक ऑडिट कराना चाहिए।

15 दिन बाद क्या होगा?

खनिज विभाग के अनुसार—

बैंक खातों की कुर्की

उत्खनन में लगी मशीनरी की जब्ती

पट्टा निरस्तीकरण

आवश्यकता होने पर पुनः जांच भी

इन सभी कार्रवाइयों की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

किस कंपनी में क्या गड़बड़ी?

(कलेक्टर की जांच के आधार पर संक्षिप्त विवरण)

1. आनंद माइनिंग कॉर्पोरेशन (टिकरिया)

स्वीकृत सीमा से कई गुना अधिक उत्खनन

परिवहन पर्चियों में भारी अंतर

2. नीलिमा मिनरल्स (दुबियारा)

टीपी मिलान में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी

चोरी-छिपे रेत परिवहन के संकेत

3. नीलिमा मिनरल्स (अगरिया)

ओवर माइनिंग के ठोस प्रमाण

घाट परिवहन रिकॉर्ड में भारी विसंगतियां

4. पैसिफिक एक्सपोर्ट (झिठी)

निर्धारित सीमा से अधिक रेत निकासी

घाटों से अधिक मात्रा में रेत भेजे जाने के प्रमाण







Post a Comment

Previous Post Next Post