देश के 7 एयरपोर्ट पर उड़ानें प्रभावित: 100 से ज्यादा फ्लाइट लेट या कैंसिल, यात्रियों की परेशानी बढ़ी

दैनिक सांध्य बन्धु नई दिल्ली। देश के सात बड़े एयरपोर्ट्स पर बुधवार को तकनीकी खामियों, क्रू की कमी और ऑपरेशनल दिक्कतों के कारण 100 से अधिक उड़ानें प्रभावित हुईं। इंडिगो एयरलाइन ने बताया कि इंदौर में 11, हैदराबाद में 13, सूरत में 8, अहमदाबाद में 25 और बेंगलुरु में 42 फ्लाइट्स या तो रद्द हुईं या देरी से उड़ीं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह संख्या 200 से भी ज़्यादा बताई गई है, हालांकि यह साफ नहीं है कि प्रभावित सभी उड़ानें इंडिगो की थीं या अलग–अलग एयरलाइंस की।

दिल्ली एयरपोर्ट पर सुबह से चेक-इन सिस्टम फेल होने से चार प्रमुख एयरलाइंस—इंडिगो, स्पाइसजेट, अकासा एयर और एयर इंडिया एक्सप्रेस—की सेवाएं बाधित रहीं। सिस्टम डाउन होने पर सभी एयरलाइंस को मैन्युअल चेक-इन की प्रक्रिया अपनानी पड़ी। वहीं वाराणसी एयरपोर्ट पर यात्रियों को बताया गया कि यह दिक्कत वैश्विक स्तर पर आई IT सर्विस आउटेज की वजह से है, हालांकि माइक्रोसॉफ्ट ने ऐसी किसी आउटेज की खबर को गलत बताया है।

हैदराबाद एयरपोर्ट पर भी भारी भीड़ देखने को मिली। चेक-इन में देरी की वजह से कई यात्रियों की फ्लाइट छूट गई। इंडिगो ने कहा कि टेक्निकल इश्यू, बढ़ी भीड़ और ऑपरेशनल जरूरतों के चलते देरी और कैंसिलेशन बढ़े हैं। कंपनी ने आश्वासन दिया है कि टीमें स्थिति सामान्य करने में जुटी हैं।

बेंगलुरु एयरपोर्ट पर चेक-इन की देरी के अलावा ऑपरेशनल कारणों से इंडिगो ने 42 उड़ानें रद्द कर दीं, जिनमें 22 आने वाली और 20 जाने वाली फ्लाइट शामिल थीं।

यात्रियों की बढ़ी हुई समस्याओं को देखते हुए एयरलाइन और एयरपोर्ट प्रबंधन ने सलाह दी है कि यात्री समय से काफी पहले एयरपोर्ट पहुंचे, क्योंकि मैन्युअल चेक-इन में 25–40 मिनट अतिरिक्त लग रहे हैं। साथ ही यात्रियों से कहा गया है कि वे SMS या ईमेल अलर्ट न आने की स्थिति में खुद ऐप या वेबसाइट पर फ्लाइट स्टेटस चेक करते रहें। फ्लाइट कैंसिल होने पर यात्रियों को पूरा रिफंड, रीबुकिंग या वाउचर विकल्प उपलब्ध कराया जा रहा है।

इंडिगो ने बयान जारी कर बताया कि खराब मौसम, सिस्टम खराबी और स्टाफ से जुड़े नए नियमों के चलते उड़ानें प्रभावित हो रही हैं और अगले 48 घंटे में स्थिति सुधरने की उम्मीद है।

इस बीच, हाल ही में दिल्ली एयरपोर्ट पर GPS स्पूफिंग की घटनाओं ने भी सुरक्षा के सवाल उठाए थे। पिछले महीने 800 से अधिक फ्लाइट्स देरी से उड़ान भर सकीं और 20 रद्द करनी पड़ीं। नागरिक उड्डयन मंत्री ने राज्यसभा में बताया कि रैनसमवेयर और मैलवेयर हमलों का खतरा बढ़ा है, जिसके लिए AAI उन्नत साइबर सुरक्षा उपायों पर काम कर रहा है।

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