MP News: पहली बार एमपी में राशन दुकानें बनेंगी ‘मुख्यमंत्री पोषण मार्ट’, किराना–जनरल स्टोर की तरह मिलेगा हर जरूरी सामान

दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। मध्यप्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को नई दिशा देने की तैयारी है। प्रदेश की राशन दुकानों को अब केवल गेहूं, चावल और शक्कर तक सीमित नहीं रखा जाएगा, बल्कि उन्हें ‘मुख्यमंत्री पोषण मार्ट’ के रूप में विकसित किया जाएगा। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि इस योजना के तहत राशन दुकानों पर किराना और जनरल स्टोर से जुड़ी रोजमर्रा की सभी आवश्यक वस्तुएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। सरकार का उद्देश्य है कि खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को एक ही स्थान पर जरूरत का हर सामान मिले, जिससे समय, पैसा और श्रम की बचत हो सके।

मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री पोषण मार्ट के रूप में विकसित होने के बाद राशन दुकानों से न सिर्फ हितग्राहियों को सुविधा मिलेगी, बल्कि दुकानदारों की आय भी बढ़ेगी और पूरी सार्वजनिक वितरण प्रणाली अधिक मजबूत व टिकाऊ बनेगी। इस योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू करने की तैयारी की जा रही है। भोपाल के होटल पलाश में आयोजित कार्यक्रम में मंत्री ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की उपलब्धियां भी गिनाईं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत बीते दो वर्षों में प्रदेश में 22 हजार 800 करोड़ रुपए मूल्य का नि:शुल्क अनाज गरीब और जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचाया गया है। वितरण व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए तकनीक का सहारा लिया गया है।

राशन दुकानों में गड़बड़ियों को रोकने के लिए मुख्यमंत्री अन्न जागरूकता सेवा अभियान शुरू किया गया है, जिसके तहत एक मोबाइल एप के माध्यम से राशन वाहन के दुकान पर पहुंचते ही हितग्राहियों को एसएमएस से सूचना मिलेगी। इसके अलावा साल में दो बार ग्राम सभाओं में राशन पाने वालों की सूची का सार्वजनिक वाचन किया जाएगा, जिससे सामाजिक ऑडिट जैसी व्यवस्था बने और शिकायतों का त्वरित समाधान हो सके। प्रदेश में अब तक 1 करोड़ 70 लाख से अधिक हितग्राहियों की ई-केवाईसी पूरी की जा चुकी है और फेस ऑथेंटिकेशन की सुविधा भी दी गई है, जबकि 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों और दिव्यांगों को ई-केवाईसी से छूट दी गई है।

मंत्री ने बताया कि बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए नॉमिनी व्यवस्था लागू की गई है, ताकि तकनीकी कारणों से कोई भी पात्र व्यक्ति राशन से वंचित न रहे। अब तक 14 लाख नई राशन पात्रता पर्चियां जारी की जा चुकी हैं। वन नेशन–वन राशन कार्ड योजना से प्रवासी श्रमिकों को बड़ी राहत मिली है, जहां हर महीने हजारों परिवार दूसरे राज्यों में रहकर भी राशन ले पा रहे हैं। लाड़ली बहना और उज्ज्वला योजना के तहत दो साल में 6 करोड़ 70 लाख गैस सिलेंडर रिफिल कराए गए हैं, जिस पर 911 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया है।

शहरी क्षेत्रों में पाइपलाइन गैस योजना को 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, वहीं 89 आदिवासी ब्लॉकों में ‘आपका राशन आपके द्वार’ योजना के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं, जिसे आगे पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी है। किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं और धान की खरीदी जारी है और बीते दो सालों में 28 लाख किसानों को 51 हजार करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। नाप-तौल विभाग की कार्रवाई में भी गड़बड़ियों पर सख्ती की गई है। मंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी पात्र परिवार खाद्य सुरक्षा से वंचित न रहे और व्यवस्था पूरी तरह पारदर्शी व जनहितकारी बने।

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