भारत ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त को तलब किया, एक हफ्ते में दूसरी बार समन; दोनों देशों के बीच बढ़ा तनाव

दैनिक सांध्य बन्धु (एजेंसी) नई दिल्ली/ढाका। भारत ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त रियाज हमीदुल्लाह को तलब किया है। यह एक हफ्ते के भीतर दूसरी बार है जब उन्हें समन भेजा गया है। इससे कुछ घंटे पहले ही बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को ढाका तलब किया था। यह भी 10 दिनों में दूसरी बार था जब भारतीय उच्चायुक्त को बुलाया गया।

दोनों देशों के बीच यह कूटनीतिक खींचतान बांग्लादेशी छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद हुए भारत विरोधी प्रदर्शनों और फिर बांग्लादेश के मैमनसिंह जिले में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की मॉब लिंचिंग के बाद और गहराई है। 18 दिसंबर की रात दीपू चंद्र दास की हत्या कर दी गई थी और बाद में उसके शव को जला दिया गया। शुरुआती जांच में यह दावा सही नहीं पाया गया कि उसने सोशल मीडिया पर धार्मिक भावनाएं आहत करने वाली कोई टिप्पणी की थी।

इस घटना के विरोध में भारत में विश्व हिंदू परिषद ने देशभर में प्रदर्शन किए। दिल्ली में बांग्लादेश हाई कमीशन के बाहर प्रदर्शन हुआ, जबकि मुंबई, कोलकाता, अहमदाबाद, भोपाल और जम्मू में रैलियां निकाली गईं। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर चिंता जताई और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की।

बांग्लादेश ने भारत में अपने राजनयिक मिशनों के बाहर हुए प्रदर्शनों और सिलीगुड़ी में वीजा सेंटर में तोड़फोड़ को लेकर गहरी चिंता जताई है। विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, इन घटनाओं के विरोध में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया गया और भारत सरकार से अपने दूतावासों व राजनयिक कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई। बांग्लादेश ने इन घटनाओं को अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि इससे राजनयिक सुरक्षा और आपसी सम्मान को खतरा पहुंचता है।

बांग्लादेश ने यह भी आरोप लगाया कि भारत में रहते हुए पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना लगातार ऐसे बयान दे रही हैं, जिन्हें वह भड़काऊ मानता है। सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए बांग्लादेश ने नई दिल्ली और सिलीगुड़ी में वीजा सेवाएं निलंबित कर दी हैं।

पिछले 10 दिनों में दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ा है। 14 दिसंबर को शेख हसीना के बयानों को लेकर भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया गया था। 18 दिसंबर को दीपू चंद्र दास की हत्या हुई, जिसके बाद 19 और 20 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रिया देखने को मिली। 22 दिसंबर को सिलीगुड़ी में वीजा सेंटर में तोड़फोड़ के बाद बांग्लादेश ने वीजा सेवाएं रोक दीं और 23 दिसंबर को एक बार फिर राजनयिक स्तर पर आमने-सामने की स्थिति बन गई।

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