मंदसौर हत्याकांड: प्रॉपर्टी और प्रेम संबंध के शक में पिता ने बेटे की कराई हत्या, 5 लाख की सुपारी, घर में ही रची गई खौफनाक साजिश

दैनिक सांध्य बन्धु (एजेंसी) मंदसौर। जिले के नाहरगढ़ थाना क्षेत्र के हिंगोरिया बड़ा गांव में सामने आया हत्याकांड रिश्तों को शर्मसार करने वाला है। भाजपा नेता श्यामलाल धाकड़ की हत्या किसी बाहरी दुश्मन ने नहीं, बल्कि उनके ही 65 वर्षीय पिता दौलतराम धाकड़ ने कराई। वजह—बेटे के प्रेम संबंध और प्रॉपर्टी को लेकर गहरा शक। महज 5 लाख रुपए की सुपारी देकर पिता ने अपने ही बेटे को मौत के घाट उतरवा दिया, वह भी अपने घर में।

प्रेमिका सना खान का दावा—मेरी हत्या की भी दी गई थी सुपारी

इस मामले की अहम कड़ी सना खान ने बताया कि श्यामलाल की हत्या से पहले उसकी जान लेने की साजिश भी रची गई थी। उसके घर पर दो बार हमला हुआ, लेकिन वह किसी तरह बच गई। सना का कहना है कि उसने अपने दम पर प्यार किया—“प्यार मैंने किया, सुपारी तो मेरी भी दी गई थी।”

कैसे शुरू हुआ रिश्ता

सना मूल रूप से हरदा की रहने वाली है। पारिवारिक रिश्तों के चलते श्यामलाल का उसके घर आना-जाना था। घरेलू तनाव के बीच श्यामलाल ने सना को आत्महत्या से बचाया, यहीं से दोनों करीब आए। दोनों को एक-दूसरे में सुकून मिला, लेकिन यही रिश्ता पिता दौलतराम के मन में डर और शक का कारण बन गया।

पिता को था डर—जमीन प्रेमिका के नाम न कर दे बेटा

पुलिस जांच में सामने आया कि दौलतराम को आशंका थी कि श्यामलाल अपनी पूरी प्रॉपर्टी सना खान के नाम कर देगा। इसी डर ने उसे हत्याकांड तक पहुंचा दिया।

घर में नशीला पदार्थ, फिर धारदार हथियार से हत्या

पुलिस के मुताबिक, 16 जुलाई की रात दौलतराम ने परिवार के खाने में नशीला पदार्थ मिलाया। इसके बाद रंगलाल, सुमित और अटलू बाछड़ा को घर बुलाया गया। धारदार हथियार से श्यामलाल की हत्या कर दी गई। सुपारी की रकम 5 लाख रुपए तय थी।

6 महीने बाद CCTV और पूछताछ से खुला राज

18 जुलाई को शव मिलने के बाद केस उलझा रहा। वीडियो वायरल होने और कॉल डिटेल सामने आने के बाद जांच तेज हुई। 11 दिसंबर को संदिग्धों से सख्ती से पूछताछ हुई तो पिता का नाम उजागर हुआ। दौलतराम ने अपराध कबूल कर लिया।

परिवार सदमे में, गांव में डर और आक्रोश

श्यामलाल का परिवार इस सच्चाई को स्वीकार नहीं कर पा रहा। बहन का कहना है—“यकीन नहीं हो रहा कि पापा ऐसा कर सकते हैं।” वहीं, गांव में तनाव और खौफ का माहौल है। ग्रामीणों ने आरोपियों के घर गिराने की मांग की, लेकिन पुलिस ने परिवार को बेघर होने से बचाने की बात कहकर समझाया। 

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