दैनिक सांध्य बन्धु इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में दूषित पानी पीने से तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 35 से अधिक लोग अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। मामला भागीरथपुरा इलाके का है, जहां चौकी से लगे शौचालय के नीचे मेन पेयजल पाइपलाइन में लीकेज सामने आया है। आशंका है कि इसी लीकेज के जरिए गंदा पानी सप्लाई लाइन में मिला, जिससे लोग बीमार पड़े। पाइपलाइन की मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है।
वर्मा नर्सिंग होम में मंगलवार को पांच नए मरीज भर्ती किए गए, जबकि दो को डिस्चार्ज किया गया। फिलहाल यहां 20 मरीजों का इलाज चल रहा है। अन्य मरीज त्रिवेणी हॉस्पिटल और अन्य निजी अस्पतालों में भर्ती हैं। ESIC अस्पताल से 7 मरीजों को छुट्टी दी गई, जबकि 11 अब भी भर्ती हैं। एक महिला मरीज को अरविंदो अस्पताल रेफर किया गया है।
मृतकों में भागीरथपुरा निवासी नंदलाल पाल (75) और दो महिलाएं शामिल हैं। नंदलाल को 28 दिसंबर को उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों के अनुसार उनकी मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई, हालांकि परिजनों का दावा है कि दूषित पानी पीने के बाद ही उनकी हालत बिगड़ी। अन्य दो महिलाओं के परिजनों ने भी पानी पीने के बाद अचानक तबीयत खराब होने की बात कही है।
स्थानीय निवासियों का दावा है कि पिछले एक सप्ताह में करीब 150 लोगों ने उल्टी-दस्त की शिकायत की थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अस्पताल पहुंचकर मरीजों का हालचाल जाना और इलाके का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि पानी के 70 से अधिक सैंपल लिए गए हैं, जिनकी रिपोर्ट रात तक आने की संभावना है।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि घटना के लिए जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए प्रशासन को तत्काल निर्देश दिए हैं। सरकार ने सभी मरीजों का इलाज अपने खर्च पर कराने और पहले से जमा इलाज की राशि रिफंड कराने का ऐलान किया है।
शुरुआती जांच में वार्ड में चल रही खुदाई या पानी की टंकी के दूषित होने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि इलाके में नर्मदा जल की सप्लाई होती है, फिर भी सप्लाई लाइन में गड़बड़ी से इनकार नहीं किया जा रहा।
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