दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जबलपुर पुलिस ने अवैध शराब कारोबार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए आज मंगलवार को करीब 50 हजार लीटर से अधिक लाहन और सैकड़ों लीटर कच्ची शराब जब्त की है। यह शराब खेरमाई मंदिर के पीछे स्थित घने जंगल में नाले के किनारे जमीन के अंदर गाड़कर तैयार की जा रही थी। पुलिस की इस कार्रवाई से इलाके में हड़कंप मच गया है।
मुखबिर की सूचना पर संयुक्त कार्रवाई
पुलिस को यह सफलता मुखबिर से मिली पुख्ता सूचना के आधार पर मिली। सूचना मिलने के बाद सीएसपी सतीश साहू के नेतृत्व में रांझी और खमरिया थाना पुलिस की संयुक्त टीम का गठन किया गया। मंगलवार दोपहर करीब 50 से अधिक पुलिस जवानों ने मौके पर पहुंचकर जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया।
जांच के दौरान पुलिस को जमीन के भीतर लोहे के ड्रम और प्लास्टिक की सिंटेक्स टंकियां दबी हुई मिलीं, जिनमें अवैध शराब और लाहन भरा हुआ था।
50 एकड़ जंगल में फैला था अवैध शराब का नेटवर्क
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आयुष गुप्ता ने बताया कि खेरमाई मंदिर के पीछे करीब 50 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैले जंगल में लंबे समय से अवैध शराब का निर्माण किया जा रहा था। शराब बनाने वालों ने पुलिस से बचने के लिए बेहद सुनियोजित तरीके से जंगल और जमीन के अंदर स्थान तैयार किए थे।
गंदे नाले के पानी से बनाई जा रही थी शराब
पुलिस जांच में सामने आया कि जिस स्थान पर शराब बनाई जा रही थी, उसके पास एक गंदा नाला बह रहा है। आशंका है कि इसी नाले के दूषित पानी का उपयोग शराब बनाने में किया जा रहा था। पुलिस का कहना है कि इस तरह तैयार की गई शराब मानव जीवन के लिए अत्यंत खतरनाक हो सकती थी।
महुआ और गुड़ से तैयार होती थी कच्ची शराब
जानकारी के अनुसार, अवैध शराब महुआ और गुड़ को मिलाकर तैयार की जा रही थी। महुआ और गुड़ को कुछ दिनों तक सड़ाया जाता था, जिसके बाद उससे कच्ची शराब बनाई जाती थी। यह शराब बाद में रांझी के बापू नगर क्षेत्र सहित आसपास के इलाकों में 50 से 100 रुपए प्रति पैग के हिसाब से बेची जा रही थी।
मौके पर ही लाहन और शराब नष्ट, नमूने जांच के लिए भेजे
पुलिस ने मौके पर ही 50 हजार लीटर लाहन और सैकड़ों लीटर कच्ची शराब को नष्ट कर दिया। साथ ही शराब के नमूने प्रयोगशाला जांच के लिए भेजे गए हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसमें कौन-कौन से हानिकारक रसायन मिले हुए थे।
आरोपियों की तलाश जारी
फिलहाल पुलिस उन लोगों की तलाश में जुटी है, जो इस अवैध शराब के निर्माण और बिक्री में शामिल थे। पुलिस का मानना है कि यह एक संगठित गिरोह का काम हो सकता है, जिसकी जड़ें शहर और आसपास के इलाकों तक फैली हुई हैं।


