दैनिक सांध्य बन्धु नई दिल्ली (एजेंसी)। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में TMC विधायक हुमायूं कबीर द्वारा ‘बाबरी मस्जिद’ के शिलान्यास का ऐलान करते ही राज्य की राजनीति गर्मा गई है। कबीर ने कहा कि 6 दिसंबर 2025 को बेलडांगा में बाबरी मस्जिद का शिलान्यास होगा और तीन साल में इसका निर्माण पूरा किया जाएगा। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि “1992 में जिन्होंने बाबरी मस्जिद गिराई, उनमें हिम्मत है तो इसे आकर गिरा दें।”
उनके इस बयान के साथ TMC ने उनसे किनारा कर लिया और बाद में पार्टी ने उन्हें निलंबित भी कर दिया। विवाद तब और बढ़ गया जब कबीर ने चेतावनी दी कि रोकने की कोशिश की गई तो “100 मुसलमान शहीद होंगे, तो 500 को साथ ले जाएंगे।” यह पहली बार नहीं है जब कबीर अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में आए हों। 2024 में भी उन्होंने हिंदू समुदाय को लेकर भड़काऊ बयान दिया था, जिसके बाद चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा था।
दूसरी ओर BJP और हिंदूवादी संगठन भी मैदान में उतर आए हैं। BJP का कहना है कि मस्जिद कोई भी बना सकता है, लेकिन ‘बाबर’ के नाम पर नहीं। पार्टी नेताओं ने चेतावनी दी कि ऐसी मस्जिद बनी तो “अयोध्या जैसा हाल होगा।” उमा भारती ने भी बयान दिया कि बाबर के नाम पर बनी इमारत की एक-एक ईंट मिट जाएगी। जवाब में हुमायूं ने उन्हें मुर्शिदाबाद आने की चुनौती दी।
BJP के स्थानीय नेताओं ने 26 दिसंबर को जिले में राम मंदिर शिलान्यास का दावा किया है। बंगाल के सेंसिटिव इलाके मुर्शिदाबाद में यह टकराव चुनावी मौसम में तनाव बढ़ाने वाला माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि TMC इस विवाद को हवा नहीं देना चाहती, क्योंकि सरकार फिलहाल SIR के मुद्दे पर फोकस कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि BJP, जो SIR विवाद में पिछड़ती दिख रही है, हुमायूं कबीर के विवाद को चुनावी हथियार बनाना चाह रही है।
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