पुणे नगर निगम चुनाव 2026: अजित पवार–कांग्रेस गठबंधन की अटकलें तेज, भाजपा अकेले उतर सकती है

दैनिक सांध्य बन्धु (एजेंसी) पुणे। महाराष्ट्र में 29 नगर निगमों के चुनाव अगले साल 15 जनवरी 2026 को प्रस्तावित हैं, जबकि नतीजे 16 जनवरी को आएंगे। इसी बीच पुणे नगर निगम चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। न्यूज एजेंसी PTI के सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP–अजित गुट) ने कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावना पर बातचीत की है।

सूत्रों का दावा है कि रविवार रात अजित पवार ने कांग्रेस नेता सतेज पाटिल से फोन पर बात कर पुणे नगर निगम चुनाव साथ लड़ने का प्रस्ताव रखा। हालांकि पाटिल ने साफ किया कि इस पर फैसला पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा के बाद ही लिया जाएगा।

भाजपा और NCP (अजित गुट) अलग-अलग चुनाव लड़ सकते हैं

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और एनसीपी (अजित पवार गुट) पुणे नगर निगम चुनाव अलग-अलग लड़ने की तैयारी में हैं। वहीं कांग्रेस, महाविकास अघाड़ी (MVA) के सहयोगी दल शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और शरद पवार गुट की NCP से भी बातचीत कर रही है।

165 सीटों वाला पुणे नगर निगम

पुणे नगर निगम में कुल 165 सीटें हैं। फिलहाल यहां कोई निर्वाचित बॉडी नहीं है। वर्ष 2022 में पार्षदों और मेयर का कार्यकाल समाप्त हो गया था। इसके बाद वार्ड परिसीमन और आरक्षण से जुड़ी प्रक्रियाएं पूरी न होने के कारण चुनाव टलते रहे। वर्तमान में निगम का कामकाज आयुक्त के अधीन है।

लोकसभा सीट कांग्रेस के पास

सूत्रों के अनुसार, महाविकास अघाड़ी के सीट शेयरिंग फॉर्मूले के तहत पुणे लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में है। कांग्रेस नगर निगम चुनाव के जरिए पुणे में अपनी जमीनी पकड़ मजबूत करना चाहती है और 165 सीटों में सम्मानजनक हिस्सेदारी की मांग कर रही है। इसी वजह से कांग्रेस और एनसीपी (अजित गुट) के बीच गठबंधन की संभावना फिलहाल कमजोर मानी जा रही है।

हालिया नगर निकाय चुनाव में भाजपा को बढ़त

महाराष्ट्र की 288 नगर परिषदों और नगर पंचायतों के लिए 2 और 20 दिसंबर को मतदान हुआ था। 21 दिसंबर को आए नतीजों में सत्तारूढ़ महायुति (NDA) को बड़ी जीत मिली। 288 में से 207 सीटों पर महायुति ने जीत दर्ज की।

भाजपा 117 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी, जबकि एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 53 और एनसीपी (अजित गुट) को 37 सीटें मिलीं। विपक्षी महाविकास अघाड़ी गठबंधन 44 सीटों तक सिमट गया। इसमें कांग्रेस को 28, शरद पवार की एनसीपी को 7 और शिवसेना (UBT) को 9 सीटें मिलीं। 32 सीटें अन्य दलों और निर्दलीयों के खाते में गईं।

गढ़चिरौली के वार्ड नंबर 4 में मुकाबला बेहद करीबी रहा, जहां भाजपा उम्मीदवार संजय मंडवगड़े महज एक वोट से हार गए। उन्हें 716 वोट मिले, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी श्रीकांत देशमुख को 717 वोट हासिल हुए।

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