दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। कटनी विजयराघवगढ़ के भाजपा विधायक संजय पाठक से जुड़ी जबलपुर के सिहोरा क्षेत्र की तीन लोह-अयस्क खदानों में ओवर माइनिंग का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। खनिज विभाग ने आनंद, निर्मला और पेसिफिक खदानों में तय माइनिंग प्लान से अधिक उत्खनन और पर्यावरणीय नियमों के उल्लंघन की पुष्टि करते हुए 443 करोड़ रुपये की रिकवरी के लिए 467 पन्नों की विस्तृत जांच रिपोर्ट संचालकों को भेज दी है। विभाग ने इसे अंतिम अवसर वाला नोटिस बताया है।
रिकवरी नोटिस 10 नवंबर को जारी होने के बाद विधायक संजय पाठक ने पेनाल्टी निर्धारण के आधारपत्र मांगे थे, जिसके बाद गुरुवार को पूरा रिकॉर्ड भेजा गया। जांच में पाया गया कि खदानों में निर्धारित सीमा से 8 से 10 गुना तक अधिक खुदाई की गई, जो स्वीकृत पर्यावरणीय मंजूरी से बाहर थी।
हालांकि अधिक निकाले गए खनिज की रॉयल्टी जमा कर दी गई है, लेकिन नियमों के अनुसार तय सीमा से ऊपर निकासी को उल्लंघन माना जाता है। जबलपुर खनिज अधिकारी ए.के. राय के मुताबिक रिकवरी की समय-सीमा अभी स्पष्ट नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि विधायक पाठक इस कार्रवाई को ट्रिब्यूनल में चुनौती दे सकते हैं।
यह मामला आईबीएम की शुरुआती निरीक्षण रिपोर्ट से शुरू हुआ था, जिसमें स्वीकृत माइनिंग प्लान और वास्तविक उत्खनन में बड़ा अंतर पाया गया था। इसके बाद सैटेलाइट इमेजरी, डीजीपीएस सर्वे और उत्पादन-डिस्पैच रजिस्टर के मिलान से ओवर माइनिंग की पुष्टि हुई। 2023–24 की विशेष ऑडिट ने भी इन असंगतियों को सही पाया और कानून के अनुसार सीमा से ऊपर निकाला गया हर टन खनिज उल्लंघन माना गया।
