बांग्लादेश हिंसा पर बयानबाजी तेज: दिग्विजय सिंह के बयान पर BJP का पलटवार, भोपाल में कई संगठनों का प्रदर्शन

दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। बांग्लादेश में हिंदू और ईसाई अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा को लेकर सियासी बयानबाज़ी तेज हो गई है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के बयान पर बीजेपी ने कड़ा पलटवार किया है, वहीं भोपाल में विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने विरोध प्रदर्शन कर बांग्लादेश सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी की।

दिग्विजय सिंह ने बांग्लादेश में जारी हालात पर बयान देते हुए कहा कि वहां की हिंसा के पीछे वही कट्टरपंथी और धर्मांध ताकतें हैं, जो धर्म के नाम पर राजनीति करती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ जिस तरह की कार्रवाई होती है, उसी का “रिएक्शन” बांग्लादेश में देखने को मिल रहा है। हालांकि उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू और ईसाई समुदाय के खिलाफ हो रही हिंसा की कड़ी निंदा की और बांग्लादेश के प्रमुख मोहम्मद यूनुस से जिम्मेदार हस्तक्षेप की उम्मीद जताई।

दिग्विजय सिंह के इस बयान पर हुजूर से बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि वे भारत के नागरिक हैं या पाकिस्तान के। रामेश्वर शर्मा ने आरोप लगाया कि दिग्विजय सिंह आईएसआई एजेंट की तरह बात कर रहे हैं और हर बार आतंकवादियों का ही पक्ष लेते रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों का भारत में किस घटना से कोई संबंध है।

इधर, भोपाल में बांग्लादेश हिंसा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिले। मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने एमपी नगर में प्रदर्शन कर बांग्लादेश सरकार के खिलाफ नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के साथ लगातार हिंसा, हत्या और उत्पीड़न हो रहा है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस पर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही।

वहीं, ऑल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी ने भी भोपाल के इतवारा क्षेत्र में प्रदर्शन करते हुए बांग्लादेश सरकार का पुतला जलाया। कमेटी के संरक्षक शमशुल हसन ने कहा कि यह विरोध बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ है और यह केवल एक समुदाय का नहीं, बल्कि मानवाधिकारों का मुद्दा है। उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि इस विषय को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मजबूती से उठाया जाए।

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा को लेकर भोपाल में हुए इन प्रदर्शनों से साफ है कि यह मुद्दा अब राजनीतिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर तीखा रूप लेता जा रहा है।

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