सिवनी में बच्चों से लगवाए ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे: प्रभारी प्राचार्य प्रतीक्षा मानगढ़े निलंबित, बर्खास्तगी की मांग तेज

दैनिक सांध्य बन्धु सिवनी। सिवनी के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अरी में योग कार्यक्रम के दौरान बच्चों से कथित तौर पर ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे लगवाए जाने के विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। विद्यार्थियों और अभिभावकों के विरोध, साथ ही विश्व हिंदू परिषद की शिकायत के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रभारी प्राचार्य प्रतीक्षा मानगढ़े को तत्काल प्रभाव से पद से हटाकर डीईओ कार्यालय से संबद्ध कर दिया है।

मामले ने मंगलवार को और तूल पकड़ा जब हिंदू उत्सव समिति व संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि प्राचार्य को तुरंत बर्खास्त किया जाए और उनकी पृष्ठभूमि की जांच होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि कहीं प्राचार्य “किसी धर्म विशेष या कट्टरवादिता से जुड़कर शिक्षा व्यवस्था को दूषित करने” का प्रयास तो नहीं कर रही थीं। तिवारी ने प्राचार्य पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की भी मांग की।

1 दिसंबर को गीता जयंती के बाद योग कार्यक्रम में उठा विवाद

यह विवाद 1 दिसंबर को गीता जयंती समारोह के बाद हुए योग कार्यक्रम के समय उत्पन्न हुआ। विद्यार्थियों और अभिभावकों का आरोप है कि उसी दौरान बच्चों से धार्मिक नारे लगवाए गए।
बच्चों द्वारा घटना की जानकारी घर पहुँचकर देने के बाद अभिभावक नाराज हो गए और 3 दिसंबर को बड़ी संख्या में लोगों ने स्कूल गेट के बाहर प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन के बाद तत्काल कार्रवाई

स्थिति को देखते हुए डीईओ एसएस कुमरे ने मौके पर पहुँचकर प्रभारी प्राचार्य को अरी स्कूल से हटाकर कार्यालय में संबद्ध कर दिया।
स्कूल के वरिष्ठ शिक्षक उमाशि धर्मेंद्र कुमार पटले को नया प्रभारी प्राचार्य नियुक्त किया गया।

चार सदस्यीय जांच समिति गठित

जिला शिक्षा अधिकारी ने मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति बनाई है, जिसमें— 

आरपी पाटिल (सहायक संचालक, डीईओ कार्यालय)

आभा सिंह (प्राचार्य, शाउमावि मठ)

रश्मि गौर (प्राचार्य, महात्मा गांधी शासकीय हाई स्कूल)

हेमंत मरावी (प्रभारी प्राचार्य, गोपालगंज हायर सेकेंडरी स्कूल) शामिल हैं।

समिति तीन दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई तय होगी।

प्राचार्य का पक्ष

प्रतीक्षा मानगढ़े ने विभाग को दिए स्पष्टीकरण में कहा कि उनका उद्देश्य सर्वधर्म सद्भाव को बढ़ावा देना था, और उन्होंने किसी की धार्मिक भावना आहत करने का इरादा नहीं रखा।

ABVP ने भी की सख्त कार्रवाई की मांग

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक सूजल मिश्रा ने कहा कि जानकारी सामने आते ही ABVP कार्यकर्ताओं ने कार्रवाई की मांग की, जिसके बाद प्राचार्य को हटाया गया और जांच शुरू की गई।

जांच रिपोर्ट आने के बाद इस पूरे प्रकरण में अंतिम निर्णय तय होगा।

Post a Comment

Previous Post Next Post