मध्यप्रदेश में कड़ाके की सर्दी की दस्तक, अगले दो दिन में 2-3 डिग्री और गिरेगा तापमान

दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। मध्यप्रदेश में ठंड का दौर अब तेजी से बढ़ने वाला है। पहाड़ी इलाकों में हुई बर्फबारी और उसके पिघलने से आने वाली बर्फीली हवाएं प्रदेश में ठिठुरन बढ़ा देंगी। मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिनों में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर सहित कई शहरों में न्यूनतम तापमान 2 से 3 डिग्री तक और गिर सकता है। इंदौर, ग्वालियर, चंबल, उज्जैन और सागर संभाग में सबसे ज्यादा ठंड की आशंका है।

पिछली रात प्रदेश के दस शहरों में तापमान 10 डिग्री से नीचे रहा। पचमढ़ी 6.7 डिग्री के साथ सबसे ठंडा स्थान रहा। भोपाल में 9.2, इंदौर में 8.4, और जबलपुर में 10.6 डिग्री दर्ज किया गया। कई जगह दिन का तापमान भी 25 डिग्री से नीचे चला गया।

इस बार नवंबर की ठंड ने 93 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। भोपाल में लगातार 15 दिन शीतलहर चली, जबकि 17 नवंबर को तापमान 5.2 डिग्री तक गिर गया, जो अब तक का रिकॉर्ड है। इंदौर में भी 25 साल बाद तापमान 6.4 डिग्री तक पहुंचा।

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार नवंबर के शुरुआती दिनों में ही उत्तर भारत में भारी बर्फबारी होने लगी थी, जिससे ठंडी हवाएं मध्यप्रदेश में तेजी से पहुंचीं। हवा की दिशा बदलने से कुछ दिन राहत रही, लेकिन एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से दिसंबर में ठंड और बढ़ेगी। विशेषज्ञों के अनुसार जनवरी में कई जगह 20 से 22 दिन तक कोल्ड वेव की स्थिति रह सकती है।

ला नीना के सक्रिय होने से प्रशांत महासागर के ठंडे होने का प्रभाव भारत में भी दिख रहा है। इससे मध्य भारत में ठंड 20 से 30% तक बढ़ गई है। प्रदेश के चार मुख्य मौसम जोन—ग्वालियर-चंबल, भोपाल-विदिशा, रतलाम-मंदसौर और सागर-दमोह—में ठंडी हवा सामान्य से 25% ज्यादा गहराई तक घुस गई है।

पश्चिमी विक्षोभ के कारण कई शहरों में बारिश होने की भी संभावना है, जिससे दिन का तापमान 4 से 6 डिग्री तक गिर सकता है। भोपाल, उज्जैन, रतलाम, इंदौर, देवास, ग्वालियर और मुरैना में कोल्ड-डे की स्थिति बन सकती है।

दिसंबर के ऐतिहासिक आंकड़ों की बात करें तो भोपाल में अब तक का सबसे कम तापमान 3.1 डिग्री (1966), इंदौर में 1.1 डिग्री (1936), ग्वालियर में 0.4 डिग्री (1961), जबलपुर में 0.6 डिग्री (1902) और उज्जैन में 0.5 डिग्री (1968, 1983) दर्ज किया जा चुका है। कई शहरों में दिसंबर में बारिश होने का भी ट्रेंड है, जिससे सर्दी और तीखी महसूस होती है।

प्रदेश में आने वाले दिनों में शीतलहर और बर्फीली हवाओं के कारण कड़ाके की सर्दी का दौर और तेज होने की संभावना है।

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