दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। हिमालय क्षेत्र में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और लगातार चल रही उत्तरी सर्द हवाओं ने जबलपुर सहित पूरे संभाग में ठंड का असर तेज कर दिया है। शुक्रवार सुबह मौसम विज्ञान विभाग की आनंद नगर स्थित वेधशाला में न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस सर्दी के मौसम का अब तक का सबसे कम तापमान रहा। ठंडी हवाओं के चलते सुबह और शाम के समय लोगों को तेज ठिठुरन का सामना करना पड़ा, वहीं दिनभर शीतलहर का असर बना रहा।
एक सप्ताह से गिरते पारे ने बढ़ाई परेशानी
स्थानीय मौसम वेधशाला से मिली जानकारी के अनुसार बीते एक सप्ताह से न्यूनतम तापमान 8 से 10 डिग्री के बीच बना हुआ था, लेकिन हवाओं की दिशा पूरी तरह उत्तरी होने के बाद शुक्रवार को कोहरे के असर के साथ पारा अचानक गिर गया। सुबह के समय घना कोहरा छाया रहा, वहीं दिनभर गलाव वाली ठंड और शीतलहर ने जनजीवन को प्रभावित किया।
दिन का तापमान भी सामान्य से नीचे
ठंड का असर सिर्फ रात तक सीमित नहीं रहा। शुक्रवार को अधिकतम तापमान भी सामान्य से करीब 4 डिग्री कम 21.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। ठंडी हवाओं के चलते धूप निकलने के बावजूद गर्माहट महसूस नहीं हुई। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले कुछ दिनों तक तापमान सामान्य से नीचे बना रह सकता है।
कोहरा और स्मॉग की संभावना
मौसम विभाग का कहना है कि आगामी दिनों में सुबह के समय कोहरा और स्मॉग की स्थिति बन सकती है। खासतौर पर खुले इलाकों और हाईवे क्षेत्रों में दृश्यता कम रहने की संभावना है, जिससे वाहन चालकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
कल सबसे लंबी रात, सबसे छोटा दिन
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 21 या 22 दिसंबर को उत्तरी गोलार्ध में शीतकालीन अयनांत (विंटर सोल्सटाइस) होता है। इस दिन साल की सबसे लंबी रात और सबसे छोटा दिन होता है। पृथ्वी की धुरी झुकी होने के कारण इस समय सूर्य की सीधी किरणें मकर रेखा पर पड़ती हैं, जिससे उत्तरी गोलार्ध में धूप की अवधि सबसे कम हो जाती है। इसके बाद दिन धीरे-धीरे बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं।
ठंड से बचाव की सलाह
तेजी से गिरते तापमान को देखते हुए मौसम विशेषज्ञों ने बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। सुबह और देर रात घर से निकलते समय गर्म कपड़े पहनने और कोहरे में वाहन चलाते समय सावधानी बरतने की अपील की गई है।पश्चिमी विक्षोभ और उत्तरी हवाओं ने बढ़ाई ठिठुरन, जबलपुर में शीतलहर का असर
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