दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जबलपुर के स्कूल संचालकों को अवैध फीस वसूली और नकली किताबों से पढ़ाई कराने के मामले में राहत देने से इनकार कर दिया है। स्कूल संचालकों ने पुलिस जांच और गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 4 हफ्तों बाद होगी।
21 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है पुलिस
अवैध फीस वसूली के मामले में जिला प्रशासन ने शहर के 11 निजी स्कूलों से जुड़े 51 आरोपियों के खिलाफ 80 एफआईआर दर्ज करवाई थी। इनमें से 21 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबलपुर पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए कोर्ट में पेश किया, जहां कुछ लोगों को जेल भेजा गया और कुछ को पुलिस रिमांड पर रखा गया।
कोर्ट की सुनवाई और आदेश
हाईकोर्ट के जस्टिस विशाल धगट की सिंगल बेंच ने गुरुवार को सुनवाई करते हुए स्कूल संचालकों की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि अपराध बेहद गंभीर है और जांच अभी शुरुआती दौर में है, इसलिए पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई पर रोक नहीं लगाई जा सकती। कोर्ट ने राज्य सरकार से भी इस मामले पर विस्तृत जवाब मांगा है।
कलेक्टर जबलपुर के निर्देश
जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर पुलिस, प्रशासन और शिक्षा विभाग ने पूरे जिले में जांच की। इसमें 11 स्कूलों में गंभीर लापरवाही पाई गई। कलेक्टर ने अभिभावकों से अनुरोध किया है कि वे पुस्तकों का आईएसबीएन नंबर जांचें और किसी भी विसंगति की जानकारी कलेक्टर जबलपुर के व्हाट्सअप नम्बर 7587970500 पर भेजें। उन्होंने आईएसबीएन की सर्च लिंक भी दी है।
निजी स्कूल संचालकों को राहत देने से इनकार
हाईकोर्ट में स्कूलों की ओर से कहा गया कि एफआईआर दर्ज हो चुकी है और वे जांच में सहयोग करने तैयार हैं, लेकिन उन पर पुलिस कार्रवाई न की जाए। सरकार की ओर से बताया गया कि स्कूलों ने अवैध रूप से अतिरिक्त फीस वसूली है और बुक सेलर्स से सांठगांठ कर फर्जी किताबें सिलेबस में लगाई हैं। कोर्ट ने इन दलीलों को सुनने के बाद निजी स्कूल संचालकों को राहत देने से इनकार कर दिया है।