दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। रायसेन में वन विभाग ने रॉयल बाघ का सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया है। यह अभियान पिछले 10 दिनों से जारी था, जिसमें कान्हा और पन्ना टाइगर रिजर्व से पांच हाथियों समेत वन विभाग के 100 से ज्यादा कर्मी, डीएफओ और रेंजर शामिल थे। गुरुवार को बाघ का मूवमेंट रायसेन शहर के पास सूरई के जंगल में देखा गया, जहां उसे ट्रैंक्यूलाइज कर बेहोश किया गया।
बाघ पिछले तीन महीने से रायसेन शहर के आसपास के जंगलों में घूम रहा था। एक महीने पहले नीमखेड़ा निवासी मनीराम जाटव को इसी बाघ ने अपना शिकार बनाया था। बाघ के लगातार मूवमेंट के चलते इलाके में दहशत का माहौल था। वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया और अंततः गुरुवार को उसे बेहोश कर पकड़ लिया।
- अभियान की अवधि: 10 दिन
- शामिल कर्मचारी: 100 से ज्यादा वन कर्मी, डीएफओ और रेंजर
- सहायता: कान्हा और पन्ना टाइगर रिजर्व से पांच हाथी
- स्थान: सूरई का जंगल, रायसेन
- पकड़ने की विधि: ट्रैंक्यूलाइज करके बेहोश करना
बाघ लगभग तीन महीने से रायसेन शहर के आसपास के जंगलों में विचरण कर रहा था। इस दौरान उसने एक व्यक्ति का शिकार भी किया। बाघ की लगातार उपस्थिति से क्षेत्र के लोग भयभीत थे और वन विभाग को इसकी जानकारी दी गई। वन विभाग ने तत्परता से अभियान चलाया और अंततः बाघ को पकड़ने में सफलता प्राप्त की।