दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मेडिकल में दाखिले से जुड़ी नीट (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस एग्जाम) परीक्षा में गड़बड़ी के मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर नीट-यूजी 2024 को रद्द करने की मांग की गई थी। हालांकि, कोर्ट ने परीक्षा रद्द करने की मांग को खारिज कर दिया। साथ ही, कोर्ट ने कहा कि काउंसलिंग भी रद्द नहीं की जाएगी।
कोर्ट ने एनटीए को जारी किया नोटिस
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को फटकार भी लगाई। कोर्ट ने कहा कि परीक्षा की शुचिता प्रभावित हुई है। इस मामले पर कोर्ट ने एनटीए को नोटिस भी जारी किया है और उनसे जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता की दलीलें
नीट परीक्षा में पेपर लीक की खबरों से चिंतित एक संगठन के दो सदस्यों ने याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया कि नीट के पेपर लीक होने की खबर ने कई मेधावी छात्रों का भविष्य अंधकारमय कर दिया है, जिन्होंने डॉक्टर बनने का सपना देखा था। याचिका के अनुसार, छात्रों ने अपनी पूरी मेहनत, समय और गाढ़ी कमाई नीट 2024 की तैयारी में लगा दी थी, लेकिन उन्हें समान अवसर नहीं मिला।
याचिका में यह भी दावा किया गया कि कुछ छात्रों ने 718 और 719 अंक हासिल किए हैं, जो सांख्यिकीय रूप से संभव नहीं है। परीक्षा का संचालन विवेकहीन एवं मनमाने तरीके से किया गया और छात्रों को पिछले दरवाजे से प्रवेश देने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से परीक्षा आयोजित की गई।
एनटीए का पक्ष
एनटीए के डायरेक्टर जनरल सुबोध कुमार सिंह ने परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों पर सफाई दी। उन्होंने कहा, "हमारी समिति ने केंद्रों और सीसीटीवी के सभी विवरणों का अध्ययन किया। कुछ केंद्रों पर समय बर्बाद हुआ और छात्रों को इसके लिए मुआवजा दिया जाना चाहिए। छात्रों की शिकायतों पर समिति विचार करेगी और गड़बड़ियों का समाधान निकाला जाएगा।"
सुबोध कुमार सिंह ने दावा किया कि परीक्षा में कोई पेपर लीक नहीं हुआ है और पूरी परीक्षा प्रक्रिया बेहद पारदर्शी रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी 2024 की परीक्षा और काउंसलिंग को रद्द करने की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने एनटीए को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और परीक्षा की शुचिता बनाए रखने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। एनटीए के अनुसार, परीक्षा पारदर्शी रही और किसी भी तरह की गड़बड़ी को दूर करने के प्रयास किए जाएंगे।