Jabalpur News: एनटीए को तुरंत भंग किया जाना चाहिए: सांसद तंखा

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने नीट परीक्षा के परिणाम में हुई धांधली को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से व्यापम को भंग किया गया था, उसी तरह से एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) को भी तुरंत भंग कर देना चाहिए। तंखा ने कहा कि प्राइवेट बाॅडी को एग्जाम लेने का कोई अधिकार नहीं है, इसके बावजूद एनटीए नीट की परीक्षा आयोजित कर रही है और छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है।

नीट के अध्यक्ष की नियुक्ति पर सवाल

विवेक तंखा ने नीट के अध्यक्ष प्रदीप जोशी की नियुक्ति पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा कि किस रिक्रूटमेंट अधिकार के तहत जोशी को नीट का अध्यक्ष बनाया गया है और अभी तक उन्हें क्यों नहीं हटाया गया है। तंखा ने कहा कि जोशी को एमपीपीएससी, छत्तीसगढ़ एमपीपीएससी, यूपीएससी और फिर नीट का हेड बनाया गया, यह प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है। उन्होंने कहा, "क्या पूरे देश में एक ही व्यक्ति है जो कि परीक्षा कनेक्ट करवाएंगे?"

एम्स को सौंपा जाए दायित्व

तंखा ने सुझाव दिया कि नीट की परीक्षा का दायित्व एम्स के कंसोर्टियम को सौंप दिया जाना चाहिए और एम्स के सब-डायरेक्टर्स को मिलकर परीक्षा आयोजित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जैसे CLAT परीक्षा का दायित्व नेशनल लॉ स्कूल्स को हस्तांतरित किया गया था, वैसे ही नीट के तौर-तरीकों को भी बदला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक अच्छी परीक्षा प्रणाली चाहिए जिसमें पारदर्शिता और विश्वास हो।

स्कूलों में इमरजेंसी का पाठ

सरकार द्वारा स्कूलों में इमरजेंसी का पाठ पढ़ाने के फैसले पर भी तंखा ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि 50 साल पहले हुई घटना के बाद देश में कई बार चुनाव हो चुके हैं और इमरजेंसी के बाद भी इंदिरा गांधी की सरकार फिर से बनी थी। तंखा ने कहा कि भाजपा के पास अब कुछ नया नहीं है, इसलिए वह इस तरह के मुद्दे उठा रही है। आज जनता को इतिहास नहीं बल्कि विकास चाहिए।

न्यायालय में याचिकाएं

तंखा ने बताया कि नीट परीक्षा को लेकर हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं और जल्द ही उनकी सुनवाई होनी है। उन्होंने कहा कि जो लोग नीट पर राजनीति कर रहे हैं, उन्हें इससे बचना चाहिए क्योंकि नीट बच्चों का भविष्य है, न कि राजनीति का अखाड़ा।

राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने जोर देकर कहा कि एनटीए को तुरंत भंग किया जाना चाहिए और नीट परीक्षा के संचालन के लिए एक पारदर्शी और विश्वसनीय प्रणाली स्थापित की जानी चाहिए।

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