दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। भाजपा विधायक अशोक रोहाणी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। पार्टी के ही कार्यकर्ता निशांत शर्मा ने उनके खिलाफ कोर्ट में परिवाद (क्रिमिनल कंप्लेंट) दाखिल किया है, जिसमें विधायक पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। मामले में प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारिका प्रसाद सूत्रकार ने विधायक को समन जारी करते हुए 2 सितंबर 2025 को कोर्ट में हाजिर होने के निर्देश दिए हैं।
वोटर लिस्ट से 25 हजार नाम हटाने का मामला बना विवाद की जड़
निशांत शर्मा के मुताबिक, जबलपुर के छावनी क्षेत्र के करीब 25 हजार नागरिकों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए थे। उन्होंने इस मुद्दे पर आवाज उठाई और केंद्र व राज्य सरकार के साथ-साथ निर्वाचन आयोग को पत्र लिखे। इसी क्रम में 20 मार्च 2023 को इंडियन कॉफी हाउस, सदर में एक बैठक बुलाई गई थी, जिसके बाद कथित रूप से उन पर हमला किया गया।
विधायक पर हमले का आरोप
निशांत का आरोप है कि सदर की गली नंबर 5 में दिन में करीब 2:30 बजे उन पर हमला हुआ। हमलावरों ने गाली-गलौज कर मारपीट की और वोटर लिस्ट के मुद्दे को दोबारा उठाने पर जान से मारने की धमकी दी। उनका कहना है कि यह हमला विधायक अशोक रोहाणी के इशारे पर हुआ।
FIR दर्ज, लेकिन नाम गायब
निशांत ने इस हमले की रिपोर्ट केन्ट थाने में दर्ज कराई थी (FIR क्रमांक 0072/2023) जिसमें धारा 294, 323, 147, 506 IPC के तहत मामला दर्ज किया गया। हालांकि शिकायत में नामजद किए गए विधायक अशोक रोहाणी और उनके समर्थकों संदीप गौंड व ऋषि बावरिया के नाम एफआईआर से गायब थे। पूछताछ पर थाना प्रभारी ने जांच के बाद नाम जोड़ने का आश्वासन दिया था, लेकिन अगले ही दिन निशांत पर ही एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया।
चार आरोपियों पर चालान, विधायक का नाम फिर गायब
6 अक्टूबर 2023 को पुलिस ने चार अन्य आरोपियों—सुंदर अग्रवाल, संजय जैन, आशीष राव और राजेश उर्फ छोटू सतनामी—के खिलाफ चालान पेश किया, लेकिन विधायक और उनके करीबी समर्थकों के नाम फिर शामिल नहीं किए गए। पुलिस ने रिपोर्ट में लिखा कि अन्य व्यक्तियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं।
कोर्ट में पेश किए गए साक्ष्य, समन जारी
निशांत शर्मा ने अपने परिवाद में सीसीटीवी फुटेज, मेडिकल रिपोर्ट, एफआईआर की प्रति और अन्य दस्तावेज कोर्ट में पेश किए। कोर्ट ने सभी बिंदुओं पर विचार करते हुए विधायक अशोक रोहाणी को समन जारी कर 2 सितंबर को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया है।
भाजपा की अंदरूनी राजनीति पर सवाल
मामले ने जबलपुर की सियासत में हलचल मचा दी है। भाजपा कार्यकर्ता द्वारा अपने ही विधायक पर गंभीर आरोप लगाए जाने से पार्टी के भीतर भी चर्चा का माहौल है। यह मुद्दा केवल लोकतंत्र की रक्षा की आवाज बनकर नहीं उभरा है, बल्कि इसे पार्टी की अंदरूनी खींचतान और राजनीतिक साजिश के रूप में भी देखा जा रहा है।
