दैनिक सांध्य बन्धु कोलकाता। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ वित्तीय गड़बड़ियों के मामले में इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने शुक्रवार को 6 स्थानों पर छापा मारा। इनमें घोष का बेलियाघाटा वाला घर भी शामिल है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की गई है। इसके साथ ही, CBI भी इस मामले की जांच कर रही है।
CBI जांच के खिलाफ याचिका खारिज
CBI को 13 अगस्त को कलकत्ता हाईकोर्ट ने रेप-हत्या और वित्तीय गड़बड़ी के मामलों की जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी। संदीप घोष ने CBI जांच के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। घोष को CBI ने 2 सितंबर को गिरफ्तार किया था और वे अब 8 दिन की CBI कस्टडी में हैं।
CBI की जांच में खुलासा: रेप-मर्डर के अगले दिन रेनोवेशन का ऑर्डर
CBI की जांच में खुलासा हुआ कि ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के अगले दिन ही संदीप घोष ने सेमिनार हॉल से जुड़े कमरों के रेनोवेशन का आदेश दिया था। 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर का शव सेमिनार हॉल में मिला था। 10 अगस्त को घोष ने एक लेटर लिखकर स्टेट पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) को रेनोवेशन के निर्देश दिए थे। इस पत्र पर घोष के हस्ताक्षर भी हैं।
रेप-मर्डर केस और वित्तीय गड़बड़ी के बीच जुड़ाव
रेनोवेशन लेटर से यह संकेत मिल रहे हैं कि घोष को जल्दबाजी में काम कराने की आवश्यकता थी, जिससे यह डॉक्यूमेंट रेप-मर्डर केस और वित्तीय गड़बड़ी के मामलों के बीच कड़ी जोड़ने में मदद कर सकता है।
विरोध के बाद रोका गया रेनोवेशन का काम
13 अगस्त को कलकत्ता हाईकोर्ट की ओर से CBI को केस सौंपे जाने के बाद, PWD ने तुरंत रेनोवेशन का काम शुरू कर दिया था। हालांकि, कॉलेज के स्टूडेंट्स के विरोध प्रदर्शन के चलते काम रोकना पड़ा। स्टूडेंट्स का आरोप है कि ट्रेनी डॉक्टर को कॉलेज की वित्तीय गड़बड़ियों का पता चल जाने के कारण मारा गया था।
इस पूरे मामले में संदीप घोष और तीन अन्य की गिरफ्तारी के बाद, जांच एजेंसियां रेप-मर्डर और वित्तीय गड़बड़ी के बीच कड़ी तलाशने में जुटी हैं।