दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मप्र मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी और सदस्य राजीव कुमार टंडन की युगलपीठ ने हाल ही में जबलपुर में घटित कई जनहित से जुड़े मामलों का संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। ये मामले शहर में सुरक्षा, स्वास्थ्य और नागरिक सुविधाओं से जुड़े हुए हैं, जिनकी सुनवाई के बाद आयोग ने कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
सिद्धबाबा वार्ड निवासी बुजुर्ग माता-पिता को विगत तीन महीने से अपने जवान बेटे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिला है। उनका बेटा तीन माह पहले नरसिंहपुर में हिरन और नर्मदा नदी के संगम पुल से कूदकर आत्महत्या कर चुका था। आयोग ने सीएमएचओ से इस मामले की जांच कर तीन सप्ताह में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा है।
अधारताल के न्यू रामनगर इलाके में सीवर लाइन की लापरवाही के कारण सड़क पर बड़ा गड्ढा बन गया है। राहगीरों को इस कारण आने-जाने में दिक्कत हो रही है। आयोग ने आयुक्त नगर निगम से मामले की जांच कर जनसुरक्षा के लिए की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।
अहिंसा चौक से कचनार सिटी तक की सड़क का निर्माण कार्य पिछले छह महीनों से ठप पड़ा है, जिससे सड़क के गड्ढों में पानी भर गया है और नागरिकों को आवागमन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। आयोग ने नगर निगम से एक माह में कार्रवाई का विवरण मांगा है।
विक्टोरिया अस्पताल के नए आईसीयू वार्ड में एसी खराब होने के कारण मरीजों और उनके परिजनों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। आयोग ने कलेक्टर को निर्देश दिया है कि इस मामले की जांच कर प्रतिवेदन एक माह में प्रस्तुत करें।
मानेगांव के इंदिरा आवास कॉलोनी में एक आठ वर्षीय बच्ची की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि इलाके में अवैध मुर्गी फार्म से उठने वाली दुर्गंध से उनकी बेटी की जान गई है। आयोग ने कलेक्टर से मामले की जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
मनमोहन नगर से विस्थापित 60 से अधिक परिवार ग्राम चांटी में बिना मूलभूत सुविधाओं के जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उन्हें शौचालय, बिजली, पानी जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। आयोग ने कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त से पीड़ित परिवारों की समस्याओं पर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।