दैनिक सांध्य बन्धु रीवा। त्योंथर तहसील के उसरगांव निवासी मनीष यादव, जो मस्कुलर डिस्ट्रॉफी जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, ने इलाज की मांग को लेकर अनशन शुरू कर दिया है। वह पिछले तीन दिनों से त्योंथर एसडीएम कार्यालय के बाहर खटिया पर बैठकर अनशन कर रहे हैं। मनीष का कहना है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2022 में इलाज का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
मनीष यादव के परिवार में कुल 9 लोग हैं, जिनमें से 5 लोग मस्कुलर डिस्ट्रॉफी की चपेट में हैं। उनके तीन भाई, एक बहन और पिता भी इस बीमारी से ग्रस्त हैं। मनीष ने कहा, "मैं भी आम लोगों की तरह जीना चाहता हूं, लेकिन इस गंभीर बीमारी ने जीवन कठिन बना दिया है। इलाज का आश्वासन मिला था, लेकिन अब तक मेरी हालत जस की तस है। अगर इलाज नहीं मिल सकता, तो मुझे इच्छामृत्यु दी जाए।"
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी का इलाज केवल विदेश में स्टेम सेल थैरेपी के जरिए संभव है, जिसमें लगभग 30 लाख रुपए का खर्च आता है। मनीष के अलावा उनके दो भाई सुरेश और महेश भी इस बीमारी से पीड़ित हैं।
2022 में शिवराज सिंह चौहान ने फोन पर मनीष यादव से बात कर इलाज का आश्वासन दिया था और कहा था कि सरकार इलाज का खर्च उठाएगी। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। मनीष का कहना है कि जब तक मुख्यमंत्री से बात नहीं होती, तब तक उनका अनशन जारी रहेगा।
त्योंथर एसडीएम एसके जैन ने मनीष से मुलाकात कर सरकार तक उनकी मांगें पहुंचाने का आश्वासन दिया है। वहीं, रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने भी मनीष और उनके परिवार की हरसंभव मदद करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह और मुख्यमंत्री से इस मामले में चर्चा की जाएगी।