हरियाणा में उम्मीदवारों का जबरदस्त विरोध: दुष्यंत चौटाला, कृष्ण बेदी और कांग्रेस उम्मीदवार घोड़ेला के खिलाफ लोगों में आक्रोश

हरियाणा में उम्मीदवारों का जबरदस्त विरोध: दुष्यंत चौटाला, कृष्ण बेदी और कांग्रेस उम्मीदवार घोड़ेला के खिलाफ लोगों में आक्रोश
दैनिक सांध्य बन्धु चंडीगढ़। हरियाणा में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान उम्मीदवारों को जनता के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व डिप्टी मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, भाजपा नेता कृष्ण बेदी और कांग्रेस उम्मीदवार रामनिवास घोड़ेला सहित अन्य नेताओं को लोगों ने घेरकर सवालों का सामना कराया। लोग अपनी समस्याओं का समाधान न होने और किसान आंदोलन के दौरान किए गए व्यवहार को लेकर नेताओं से जवाब मांग रहे हैं।

दुष्यंत चौटाला का विरोध, काले झंडे दिखाए गए

जींद के उचाना क्षेत्र में जननायक जनता पार्टी (JJP) के उम्मीदवार दुष्यंत चौटाला को छातर गांव में युवाओं ने काले झंडे दिखाकर विरोध किया। युवाओं ने आरोप लगाया कि पिछले चुनाव में दुष्यंत को जीत दिलाने के बाद उन्होंने भाजपा से हाथ मिला लिया, जिससे लोग नाराज हैं। युवाओं ने दुष्यंत का सामाजिक बहिष्कार किए जाने का भी जिक्र किया।

नरवाना में भाजपा उम्मीदवार कृष्ण बेदी से बहस

नरवाना विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के पूर्व मंत्री और उम्मीदवार कृष्ण बेदी को भिखेवाला गांव में तीखा विरोध झेलना पड़ा। ग्रामीणों ने उनके मंत्री रहते गांव की समस्याओं को न सुलझाने पर नाराजगी जाहिर की। ग्रामीणों ने किसान आंदोलन के दौरान भाजपा के व्यवहार पर भी सवाल उठाए और बेदी से जवाब मांगा। बेदी के समझाने के बावजूद लोग उनकी बात मानने को तैयार नहीं हुए।

कांग्रेस उम्मीदवार रामनिवास घोड़ेला के खिलाफ पंचायत

बरवाला से कांग्रेस उम्मीदवार रामनिवास घोड़ेला के खिलाफ किसानों ने CLU घोटाले के आरोपों को लेकर 20 सितंबर को पंचायत बुलाई है। घोड़ेला पर आरोप है कि उन्होंने CLU के तहत घूस ली थी। इस मामले में पहले भी विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं, और अब किसानों ने गांव-गांव जाकर बैठकें आयोजित करने का निर्णय लिया है।

अनूप धानक और विनोद भयाना को भी विरोध का सामना  

हिसार जिले की उकलाना सीट से भाजपा उम्मीदवार अनूप धानक को प्रभुवाला और कंडूल गांव में ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने कहा कि विधायक रहते हुए उन्होंने कभी हाल-चाल नहीं लिया। वहीं, हांसी में भाजपा विधायक विनोद भयाना से किसानों ने किसान आंदोलन के दौरान सरकार के व्यवहार पर सवाल उठाए, जिस पर भयाना ने कहा कि अगर विरोध करना है तो वोट मत देना, मगर बहसबाजी मत करो।

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