दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। शिक्षक न केवल राष्ट्र निर्माता होते हैं, बल्कि देश के भाग्य विधाता भी हैं। जिन देशों में समाज शिक्षकों का आदर-सम्मान करता है, वे निश्चित रूप से उन्नति के शिखर पर होते हैं। यह विचार कान्यकुब्ज ब्राह्मण सभा द्वारा चेरीताल स्थित सभा भवन में आयोजित "कृष्णायन दिवस एवं शिक्षक सम्मान समारोह" में अतिथियों ने व्यक्त किए।
समारोह के दौरान 11 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि, सांसद आशीष दुबे, विधायक डॉ. अभिलाष पाण्डेय विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए।
मुख्य वक्ता राकेश वाजपेयी और अमरीश मिश्रा ने अपने विचार रखे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता सभा के अध्यक्ष संतोष मिश्रा ने की। इस मौके पर कमलेश तिवारी ने अतिथियों का स्वागत किया। अन्य उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में केके शुक्ल, डॉ. सरोज शुक्ला, अदिति बाजपेई,अनीता शुक्ला,एचपी तिवारी, मुन्नालाल द्विवेदी, कमलेश तिवारी, साकेत शुक्ला, नीरजा बाजपेयी, कमलकिशोर तिवारी, विनोद पाण्डेय,रेनुका तिवारी,सुनीति बाजपेयी,प्रिति बाजपेयी आदि शामिल थे।
कार्यक्रम में पं. द्वारका प्रसाद मिश्र द्वारा रचित "कृष्णायन महाकाव्य" को जन-जन तक पहुँचाना समाज की जिम्मेदारी बताया गया, जो शिक्षकों के योगदान और उनके सम्मान को और अधिक महत्वपूर्ण बनाता है।