दैनिक सांध्य बन्धु रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारी जोरों पर है, जहां एनडीए और ‘इंडिया’ गठबंधन ने सीट दर सीट रणनीति बनाने का कार्य शुरू कर दिया है। दीपावली के बाद चुनावी माहौल और भी आक्रामक हो जाएगा, जिसमें संसाधनों की बौछार होने की उम्मीद जताई जा रही है। इस बार एनडीए को संसाधनों के मोर्चे पर बढ़त हासिल है, जबकि ‘इंडिया’ अपने चुनावी वादों और केंद्र सरकार की बेरुखी को हथियार बना रही है।
राज्य की 14 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला हो रहा है, जबकि धनवार और ईचागढ़ जैसी दो सीटों पर चतुष्कोणीय संघर्ष की स्थिति बनती दिख रही है। शेष 65 सीटों पर एनडीए और ‘इंडिया’ के बीच सीधी टक्कर होगी। सुरक्षित सीटों पर झामुमो का पलड़ा भारी नजर आता है, जैसा कि 2019 के विधानसभा चुनावों में देखा गया था, जब झामुमो और कांग्रेस ने अधिकांश सीटें जीती थीं।
झारखंड विधानसभा चुनाव की बिसात सज चुकी है। 81 विधानसभा क्षेत्रों में दोनों गठबंधन अपने-अपने उम्मीदवार उतार चुके हैं, और अब सीट दर सीट टकराव होगा। दोनों पक्ष अपने-अपने सेनापतियों के नेतृत्व में शब्दबाण चलाने के लिए तैयार हैं। यह चुनावी संघर्ष रोमांचक होगा, और इसका फैसला झारखंड की जनता करेगी।
13 नवंबर को पहले चरण का मतदान होगा, और परिणाम 20 नवंबर को घोषित किए जाएंगे, जब यह स्पष्ट होगा कि झारखंड की सत्ता की कुर्सी पर कौन विराजमान होगा।
‘इंडिया’ गठबंधन की ओर से मंईयां योजना जैसे मुद्दे को बड़ा अस्त्र बनाकर हेमंत सोरेन आगे बढ़ रहे हैं। दूसरी ओर, एनडीए अपने शस्त्रों में केंद्रीय योजनाओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे का उपयोग कर रहा है।
धनवार सीट पर भाजपा से बाबूलाल मरांडी, माले से राजकुमार यादव, झामुमो से निजानुद्दीन अंसारी और चर्चित नेता निरंजन राय के मैदान में उतरने से चतुष्कोणीय संघर्ष होगा। वहीं, ईचागढ़ में भाजपा, झामुमो, जेएलकेएम और निर्दलीय मलखान सिंह के बीच भी कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा।