तिरुपति लड्डू विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने स्वतंत्र जांच समिति गठित करने के आदेश दिए, CBI, राज्य पुलिस और FSSAI के अधिकारी रहेंगे शामिल

दैनिक सांध्य बन्धु नई दिल्ली। श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (तिरुपति मंदिर) के प्रसादम (लड्डुओं) में जानवरों की चर्बी मिलने के विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की। शीर्ष अदालत ने जांच के लिए स्वतंत्र समिति के गठन के आदेश दिए हैं, जिसमें CBI और राज्य पुलिस के 2-2 अधिकारी और FSSAI का एक अधिकारी शामिल रहेगा।

लड्डू विवाद के चलते आंध्र प्रदेश के डिप्टी CM पवन कल्याण ने 11 दिन की प्रायश्चित दीक्षा ली थी। दीक्षा पूरी करने के बाद पवन ने वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन किए और सनातन धर्म के प्रति अपनी आस्था जताते हुए कहा कि वह सनातन के लिए कुछ भी त्याग कर सकते हैं।

आंध्र प्रदेश पुलिस द्वारा SIT जांच को रोकने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर जांच SIT से कराने या किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने के लिए सॉलिसिटर जनरल से सुझाव मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी।

30 सितंबर को SIT ने तिरुमाला के कई स्थानों का निरीक्षण किया, जिसमें घी स्टोर करने वाली फ्लोर मिल और घी के टैंकरों की भी जांच की गई। घी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नंदिनी घी का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसकी निगरानी GPS प्रणाली के जरिए की जा रही है।

तिरुपति मंदिर में प्रसादम (लड्डुओं) में मिलावट के आरोप जुलाई 2023 में सामने आए, जब कर्नाटक कोऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन (KMF) ने घी की सप्लाई पर आपत्ति जताई थी। बाद में घी की गुणवत्ता की जांच के लिए सैंपल्स भेजे गए, जिसमें मिलावट की पुष्टि हुई।

TDP सरकार के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सितंबर में लैब रिपोर्ट को सार्वजनिक किया, जिसमें लड्डुओं में जानवरों की चर्बी का जिक्र था। नायडू ने पूर्व सरकार पर सस्ते घी के इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे तिरुपति मंदिर की पवित्रता पर प्रश्नचिह्न लग गया है।

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