Jabalpur News: गर्भस्थ शिशु की मौत, प्रसूता की जान बचाने में हुई कड़ी मशक्कत

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर।
विकासखंड मझौली के स्वास्थ्य केन्द्र में एक गंभीर मामला सामने आया, जहां नार्मल डिलेवरी के दौरान गर्भ में पल रहे शिशु की मौत हो गई, लेकिन डॉक्टरों ने प्रसूता की जान बचा ली। जानकारी के अनुसार, ममता विश्वकर्मा (23 वर्ष), जो कि ग्राम नांदघाट, विकासखंड मझौली की निवासी हैं, 27 सितम्बर को प्री-एक्लेमसिया की चपेट में आईं थीं। पहले उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था, लेकिन महिला ने डॉक्टरी सलाह के बिना घर लौटकर निजी चिकित्सक से इलाज लिया।

स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा महिला को स्वास्थ्य जांच के लिए बार-बार बुलाने के बावजूद वह नहीं आईं। 28 नवम्बर को ममता तलाड़ उप स्वास्थ्य केंद्र पर जांच के लिए आईं, जहां उनका ब्लड प्रेशर 185/131 पाया गया और यूरिन में प्रोटीन 1 प्लस था। साथ ही, बच्चे की धड़कन नहीं मिल रही थी। इसके बाद, सीएचओ अंशु रघुवंशी ने महिला को सिविल अस्पताल सिहोरा रेफर किया, जहां सोनोग्राफी में शिशु की मौत की पुष्टि हुई।

ममता को मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, लेकिन वह बिना बताए वहां से चली गई। आशा, एएनएम और सीएचओ ने लगातार महिला की तलाश की और रात 9 बजे उसे नयागांव स्थित बुआ के घर पाया, जहां वह दाई से प्रसव कराने का प्रयास कर रही थी। महिला को तीव्र प्रसव पीड़ा होने पर उसे एम्बुलेंस द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौली लाया गया, जहां नार्मल डिलेवरी में मृत शिशु हुआ।

महिला का इलाज किया गया और उसका ब्लड प्रेशर नियंत्रित किया गया। अब महिला पूरी तरह से स्वस्थ है। स्वास्थ्य विभाग ने महिला को उचित चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाईं और उसकी स्थिति पर नजर बनाए रखी।

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