दैनिक सांध्य बन्धु नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अजित पवार गुट को निर्देश दिया कि वे 36 घंटों के भीतर प्रमुख अखबारों में यह डिस्क्लेमर प्रकाशित करें कि एनसीपी (NCP) के घड़ी चुनाव चिह्न से जुड़ा मामला कोर्ट में लंबित है। कोर्ट ने इस मुद्दे को लेकर दोनों गुटों—शरद पवार और अजित पवार—से समय बर्बाद न करने और मतदाताओं पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की है।
एनसीपी के प्रतीक चिह्न ‘घड़ी’ को लेकर शरद पवार गुट ने याचिका दायर की थी, जिसमें मांग की गई थी कि अजित गुट को महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में इस चिह्न का उपयोग करने से रोका जाए और उन्हें नए चुनाव चिह्न के लिए आवेदन करने का निर्देश दिया जाए। इस पर कोर्ट ने अजित पवार गुट को निर्देश दिया था कि वे चुनावी बैनर और पोस्टर्स पर यह स्पष्ट करें कि यह विवाद का विषय है।
जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्जवल भुइयां की बेंच ने अजित पवार के वकील को सख्त निर्देश दिया कि वे एक नया हलफनामा दाखिल करें और आदेश के उल्लंघन की स्थिति में कोर्ट अवमानना का मामला दर्ज कर सकती है। अजित पवार गुट ने इस निर्देश का पालन करते हुए 36 घंटों में डिस्क्लेमर छापने की बात मानी।
शरद पवार गुट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत को बताया कि अजित गुट कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहा और उनके पोस्टरों में डिस्क्लेमर का अभाव है। उन्होंने मांग की कि अजित पवार गुट को घड़ी सिंबल का उपयोग करने से रोका जाए और उन्हें नए चुनाव चिह्न के लिए आवेदन करने का निर्देश दिया जाए।
इस साल फरवरी में चुनाव आयोग ने अजित गुट को एनसीपी का असली धड़ा माना था, जिसके खिलाफ शरद पवार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार गुट को यह स्पष्ट करने का आदेश दिया कि घड़ी चुनाव चिह्न विवादित है और अदालत में विचाराधीन है।